एक होटल का कमरा
दो ख़रीदार और एक नंगा जिस्म
जैसे लाश को गिद्ध नोचते हैं
ख़रीदार उस जिस्म को नोचते हैं।
होटल का वही कमरा
एक बेजान सा थका हुआ नंगा जिस्म
बिस्तर पे फेंके हुए कुछ नोट
उस नंगे जिस्म को नोचने की कीमत।
एक घर का छोटा सा कमरा
दीवार पे लटकी किसी आदमी की तस्वीर
दो पढ़ते हुए बच्चे
बाहर से गुज़रते हुए कुछ लोग कहते हैं
ये उसी धंधेवाली का घर है।
जॉनी अहमद ’क़ैस’