1
रातों की पलकों पे
चाँद उतर आया
झीलों की अलकों पे
2
अपनों का साया है
बरगद पीपल की
सर पे ज्यों छाया है
3
शबनम-शबनम रातें
मेरे अश्कों से
होती पुरनम रातें
4
दिल को अहसास हुआ
दूर गया जितना
उतना वो पास हुआ
5
आँखों के शिवाले में
मूरत है तेरीl
मन के इस आले में
6
रातों के लिफाफों में
ख़त हैं यादों के
रेशम के गिलाफ़ों में
7
आँसू से माँज लिया
काजल सा तुझको
आँखों मे आँज लिया।
8
हर साँस कषैली सी
यादों से महकी
फिर आज चमेली सी
9
गम लाखों भूल गया
तुझसे मिलकर के
खुशियों पे झूल गया
10
जीवन ये भार रहा
औरत को हरदम
खांडे की धार रहा
11
क्या कोई पूरा है
हर नींद अधूरी
हर ख़्वाब अधूरा है
12
जीवन इक थैला है
रिश्तों का जिसने
बोझा ही झेला है
13
उठता, गिरता, चलता
जीवन में फिर भी
सपना प्रतिपल पलता
14
आँखों को सपना दे।
टूटे इस दिल को,
कोई तो अपना दे।
15
रग-रग में वास किया
दम्भी फितरत ने
रावण का नाश किया
16
लमहों को तोल रहा
चुप कर लफ़्ज़ों को
आँखों से बोल रहा
17
दिल फिर से डोल गया
मन की सब बातें,
आँखों से बोल गया
18
यह दुख भी हारेगा
सुख जब आयेगा
इनको भी टारेगा
19
नारी दुख झेल रही
पग-पग पर दुनिया
अस्मत से खेल रही
20
सपनों के तागों से
याद बुनी तेरी
आँखों के तागों से
आशा पाण्डेय ओझा
उदयपुर, राजस्थान