पूर्ण हुआ स्वप्न वह,
उर में जो था संचित।
आयी वो बेला जिससे,
वर्षो से थे वंचित।।
रामराज्य की प्रतीक्षा,
शीघ्र ही होगी समाप्त।
होंगी अपार खुशियाँ,
चहुँओर में व्याप्त।।
जप ले नाम प्रभु का,
पूरे होंगे सब काम।
अब विराजेंगे आके,
राम अयोध्या धाम।।
राम नाम जपा करूँ,
बारम्बार मैं वंदन।
मोक्ष मिले तुमसे ही,
मेरे रघुनंदन।।
सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश