दीप शिखायें प्रजव्वलित हो गयी
आया त्यौहार दीवाली का
हर्षोल्लास की सौगात संग में
लाया त्यौहार दीवाली का
गणपति गणेश व मॉं लक्ष्मी का
हुआ हर घर में शुभ आगमन
चकाचौंध हैं चारो दिशायें
प्रफुल्लित हो रहा है हर मन
गलि गलियारे चौक चौबारे
फिर चाहे हो घर अँगना
सज धज कर तैयार है ऐसे
रोशनी का मानो बरसे झरना
धूम धड़ाके बजे पटाखे
जन जन में उत्साह भरपूर है
प्रस्फूटित हो रहा आनंद ऐसा
आज सब दिल के हाथों मजबूर है
नैवेद्य के थाल भरे हैं
लड्डू बरफी और गुजिया
खायें और खिलायें सबको
आपस में सब बॉंटें खुशियॉं
आज के इस पावन पर्व पर
मेरा ये सबसे विनम्र निवेदन है
थोड़े उजाले बॉंटें उनको भी
जिनके घर में रोशनी कम है
अबकी ऐसी मनायें दीवाली
ये हो सबकी खुशियों वाली
लीना खेरिया
अहमदाबाद