हमको दुनिया में लाती है माँ
ऊँगली पकड़ चलना सिखाती है माँ
गिरने के बाद संभलना सिखाती है माँ
ऐसी ही तो होती है माँ
खुद भूखा रहकर हमें खिलाती है माँ
खुद रो कर हमें हँसाती है माँ
खुद जागकर हमें सुलाती है माँ
ऐसी ही तो होती है माँ
हमारे लिए दुनिया के सारे दुख सह जाती है माँ
हमारे ही लिए दुनिया से लड़ जाती है माँ
हमारे लिए ही तो
दुनिया का हर विष पी जाती है माँ
हमारे सभी गम लेकर
अपनी सारी खुशियाँ हम पर वार देती है माँ
गम में भी हँसना सिखा देती है माँ
ऐसी ही तो होती है माँ
मुसीबतों से डरना नहीं
उसका सामना करना सिखा देती है माँ
मन में नया साहस जगा देती है माँ
खुद गम सहकर हमें हँसना सिखा देती है माँ
ऐसी ही तो होती है माँ
ममता शर्मा
पीजीजीसीजी-42
चंडीगढ़