आज मैं जिस राह पर चलता हूं,
तेरा दिया हुआ उपहार है माँ।
आज हंस हंस कर जो मिलता हूं,
तेरी दी हुई बयार है माँ।
आज मैं कोसों दूर जो चलता हूं,
तेरी ऊंगली का तो कमाल हैं माँ।
इस जहां पर मेरा वो पहला कदम,
तेरा दिया हुआ उपहार है माँ।
आज जो खुशियां मेरे दामन में,
तेरी दी हुई बहार है माँ।
आज मेरे जीवन के हरेक लम्हें,
तेरा दिया हुआ उपहार है माँ।
तेरी ममता और दुआओं से
मेरा जीवन ही गुलजार है माँ।
जयलाल कलेत
छत्तीसगढ़