टूट कर हर बार जुड़ने को
तैयार हैं,
तू आजमाती रहे जिंदगी,
मेरा बहुत सख़्त किरदार है,
ना हारूंगा ख़ुद से,
ये जिद्दी दिल तैयार है,
हर दिन नये जोश जुनून से,
ऐ जिंदगी लड़ने को तैयार है।
मुश्किलों से लड़ लड़ कर ही,
मजबूत शख्सियत बनायी है
यारों,
हौसलों की सीढ़ी पकड़
चलना
सीखा है मैंने यारों,
कदमोंं को बांध ना पायेगी
ये मुसीबत की अब जंजीरें,
रास्तों से ज़रा कह दो
अभी भटका नहीं हूं मैं,
जब ठान ही लिया
बाज़ी जीतने की,
चुनौतियों से निपटने की
तैयारी कर ली मैंने।
सुनील माहेश्वरी