यह हरियाली अमावस की उमंग है: अनामिका गुप्ता

अनामिका गुप्ता
अध्यापिका
सपोटरा, करौली,
राजस्थान

तन पुलकित सा हुआ बांवरा
झूम झूम जाए है जियरा
आया रे मनभावन सावन
रे बरस रहे कारे बदरा

शीतल शीतल चली हवाएं
अंबर पर बादल नाचे गाएं
हरियाली हर पर्वत कानन पर
मस्ती में पशु पक्षी इठलाएं

लगाकर मेहंदी पहन लहरिया
गौरी मन ही मन हर्षाए है
सखियों संग झूले बगियन में
सावन की मस्ती छाये है

घेवर फीनी और पुओं की
घर-घर में महकी सुगंध है
क्यों ना मस्ती में झूमे गाए
यह हरियाली अमावस की उमंग है