आ गया फिर वर्ष नूतन
नव सृजन उत्सव मनाएँ
झेलकर दुख, कष्ट, पीड़ा
हम करें कुछ हर्ष क्रीड़ा
नीड़ में है चहचहाहट
नए बच्चे, गुनगुनाएँ
सामने ऊँचाइयाँ हैं
चुभ रही सच्चाइयाँ हैं
आत्म क्षमता को बढ़ाकर
सफलतम जीवन बनाएँ
भाग्य का है लेख उज्ज्वल
भाव-भाषा, शिल्प प्रांजल
प्रश्न होंगे उत्तरित अब
सीख देंगी वेदनाएँ
आपको शुभ कामनाएँ
गौरीशंकर वैश्य विनम्र
117 आदिलनगर, विकासनगर,
लखनऊ- 226022
संपर्क- 09956087585