सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा, उत्तर प्रदेश
क्या अपना है, क्या पराया है
क्या लेकर जाएगा साथ और
तू पगले क्या लेकर आया है
फेर में तेरे-मेरे के ये संसार
समस्त ही फिरता भरमाया है
पोथी पढ़-पढ़ कर नैन गंवाए
सुख चैन कहां तूने फिर पाया
मिटा फिर भी अज्ञान नहीं
उसका लिखा तुझे समझ न आया
झूठे भ्रम जाल में फंसा हुआ
क्यूं समझा ना मूर्ख तू इतना
नहीं काम का, कमा ले जितना
बिन वैराग्य संभव निर्वाण नहीं
तितिक्षा त्याग बिना कल्याण नहीं