Sunday, March 23, 2025

वो पगला: सीमा शर्मा ‘तमन्ना’

सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा, उत्तर प्रदेश

करता तो था दावा हरदम निभाने के अक्सर,
मगर वही आज देखो ख़ुद निभाना भूल गया।

कहने को तो जिसके अपने थे कभी हम
पग़ला! एक वही हमें अपनाना भूल गया।

जताता रहा, वो हर लफ्ज़ में मुहब्बत यूं तो
कर वादा जाने फिर क्यूं जताना भूल गया।

था करीब कभी हमारे जो उजाले की तरह
थामकर हाथ वही क्यूं राह दिखाना भूल गया।

या रब ग़म की दौलत देनी ही है बस इतनी दे
देकर ग़म हमीं को फिर क्यूं हंसाना भूल गया।

शिकवा करें भी तो आख़िर करें किससे तू बता
दुखाया जिसने वो दिल दुखाने वाला भूल गया।

कैसे कह दूं कि हम बेपरवाह हैं तेरे किसी दर्द से
पर ये भी न हुआ कि तू मुझे तड़पाना भूल गया।

था साया तू छोड़कर मुझे यूं जाने किधर गया
हैं सूखे पत्तों के ढेर से शायद तू हमें जलाना भूल गया।

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