घर में
एक बहुत पुरानी ट्यूब लाइट है
साल में दो-तीन बार
लप-लप, झप-झप करती हुई
बहुत देर से जलती है
कई बार
घर वाले झुंझलाते हुए कहते हैं-
इसे बदल क्यों नहीं देते?
आजकल एक-से-एक
बढ़िया चमकदार
दूधिया रोशनी वाली
ट्यूब लाइट आ रही है बाज़ार में
उनका कहना सही भी है
मैं चाहूँ तो
एक झटके से
हटा सकता हूँ उस पुरानी लाइट को
ला सकता हूँ नयी
पर सोचता हूँ
अगर थोड़े-से प्रयास से
पुरानी ट्यूब लाइट दे देती है प्रकाश
तो यह क्या कम है?
जीवन में भी तो हमें
बहुत कुछ
एक पुरानी ट्यूब लाइट जैसा ही मिलता है
जिसे हम
अनेक प्रयत्नों के बाद
अंधेरा दूर करने योग्य बनाते हैं
जसवीर त्यागी