सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा, उत्तर प्रदेश
सच यदि पूछोगे तो हकीकत,
तुमसे तुम्हारी बताता है आईना।
छुपा लो लाख तुम सच को
सिर्फ सच बताता है आईना।
इंसान यह, झूठ और फरेब के
उजले नकाब ओढ़कर औरों को
दिखाता फिरता है पगला!
देखो तो फिर यही आईना।
क्यों भूल जाता वह आख़िर…!
असलियत छुपा कहां पाएगा!
सब बयां कर देगा जिस दिन
अपनी पर यह दोस्त आएगा।
जितना भी छुपाओगे औरों से
ये तो उतना ही शोर मचाएगा
ये आईना है साहेब…..! यूं ही,
किसी से नहीं ऐसे मात खाएगा।
भूल जाओगे जिस दिन तुम,
पहचान ख़ुद की ही मेरे दोस्तों!
यही है जो तुम्हें सही राह और
तुम्हारी सही पहचान बताएगा!