योग करें हम योग करें,
आलस सुस्ती दूर करें
तन-मन रहेगा चुस्त-दुरुस्त,
जीवन को हम निरोग करें
प्रोत्साहित सबको करें,
योग करें सब लोग करें
उद्देश्य यही साधा करें,
सृजन स्वस्थ समाज करें
बिना खर्चे की औषधि है,
इसका हम उपयोग करें
संजीवनी सा यह है कारगर,
भविष्य इससे बेहतर करें
योग करें नित्य प्रयोग करें,
उत्तम जीवन भोग करें
ॐ मंत्र का योग करें,
श्वास द्वारा ईश्वर से संयोग करें
मन बुद्धि विवेक को एकाग्र करें,
आओ मिलकर योग करें
इक्कीस जून को यह प्रण करें,
रोज रोज योग करें दूर खुद से रोग करें
अतुल पाठक ‘धैर्य’
हाथरस, उत्तर प्रदेश