Thursday, April 24, 2025

आयुर्वेद के अनुसार इन 5 तरीकों से पाएं दर्द से राहत: वैद्य डॉ प्रदीप कुमार

वैद्य डॉ प्रदीप कुमार
बीएएमएस, डीपीसी (चेन्नई)
पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ
पूर्व चिकित्सक आर्य वैद्य चिकित्सालयम कोयंबटूर,
पूर्व चिकित्सक आयुरप्रस्थ कोट्टागिरी (ऊटी),
पूर्व मुख्य चिकित्सक रेडिएंट रिट्रीट रिसोर्ट बैंगलोर

आयुर्वेद के अनुसार दर्द का उपचार प्रकृति में ही छिपा हुआ है, बस हमें उसे पहचानने की आवश्यकता है। हमारे घरों में सहज पाए जाने वाले मसालों और पौधों से ही दर्द का उपचार सरलता से कर राहत पाई जा सकती है।

हींग

यह पेट दर्द के लिए अचूक दवा है। न केवल पेट दर्द, बल्कि गैस, बदहजमी और पेट फूलने की समस्या में भी इसका सेवन लाभकारी है। दर्द होने पर हींग का घोल पेट पर लगाना भी असरकारी होता है।

अदरक

गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सर्दी खांसी से उपजा दर्द या फिर सांस संबंधी तकलीफ, जोड़ों के दर्द, ऐंठन और सूजन में यह लाभकारी है।

ऐलोवेरा

जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में एलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है।

सरसों

सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी है। सिर्फ इसकी मसाज करने से दर्द में आराम होता है और त्वचा में गर्माहट पैदा होती है।

लौंग

दांत व मसूड़ों के दर्द, सूजन आदि में लौंग काफी लाभदायक है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होगा।

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