मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में लगभग 45000 रिक्त पद हैं, बिजली कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा संविदा कर्मियों का नियमितीकरण तथा आउटसोर्स कर्मी और मीटर रीडर्स का संविलियन कर एवं सभी अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त नियुक्ति देकर रिक्त पदों को भरा जा सकता है। ये मांग मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ ने सिहोरा में आयोजित जनसभा में की।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में सिहोरा संभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय के समक्ष जन जागरण सभा की गई, जिसमें अधिकारी भी शामिल हुए, इसके अलावा नियमित कर्मी, संविदा कर्मी तथा आउटसोर्स कर्मी, मीटर रीडर और ऑफिस स्टाफ भी जन सभा में मौजूद रहा।
इसके अलावा संघ ने कहा कि विभाग में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं, जिनको जोखिमपूर्ण करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है, मगर जमीनी अधिकारियों के द्वारा उनसे नियमविरुद्घ करंट का जोखिमपूर्ण कार्य कराया जा रहा है, लेकिन उनके लिए न 20 लाख का जीवन बीमा किया गया है और न ही उपचार के लिए कैशलेस हेल्थ बीमा की सुविधा दी गई है।
वहीं नियमविरुद्घ करंट का जोखिमपूर्ण कार्य करने से अनेक कर्मियों की मृत्यु हो गई है, जिनके परिवार के किसी भी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। साथ ही संघ ने मांग की है कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए मानव संसाधन नीति बनाई जावे, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए।
इस दौरान तकनीकी कर्मचारी संघ के अजय कश्यप, मोहन दुबे, अरुण मालवीय, आजाद सकवार, सुरेंद्र मेश्राम, इंद्रपाल सिंह, प्रदीप पांडे, संदीप शर्मा, सैयद शाहिद हुसैन, जगदीश मेहरा, रविकांत विश्वकर्मा, प्रीतम सेन, शीतल चौधरी आदि उपस्थित रहे।