वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने को है, लेकिन मध्य प्रदेश के अनेक कार्यालयों में मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए आवंटन ही नहीं है। बताया जा रहा है कि कार्यालय प्रमुख समय पर मांग पत्र ही नहीं भेजते, इसलिए इस मद में आवंटन प्राप्त नहीं हो पाता है। कर्मचारियों की इस समस्या के लिए पूरी तरह से कार्यालय प्रमुख दोषी हैं। जिन्होंने समय पर आवंटन मांग का पत्र शासन को नहीं भेजा है।
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मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण कर्मचारियों और उनके परिजनों के इलाज के चिकित्सा देयकों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों के द्वारा रुचि न लेने के कारण वैसे भी मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना दफन हो गई।
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मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मंसूर बेग, प्रसांत सोंधिया, रविकांत दहायत, अजय दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव, आलोक बाजपाई, आशुतोष तिवारी, चंदू जाऊलकर, रजनीश पांडेय, सुरेंद्र जैन ने मध्यप्रदेश शासन से वित्तीय वर्ष समाप्त होने के पूर्व चिकित्सा के देयकों के भुगतान के लिए आवंटन दिए जाने की मांग के साथ ही सरकार को सही जानकारी न देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।