मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के सेवानिवृत्त कार्मिकों को सितंबर माह की पेंशन का भुगतान नहीं होने के बाद अब सभी कंपनियों में कार्यरत बिजली कार्मिकों में भय माहौल निर्मित हो रहा है और उन्हें ये आशंका सता रही है कि कहीं अब विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर पेंशन के बाद वेतन भी न रोक दिया जाए।
इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव एवं संघ पदाधिकारियों के द्वारा आक्रोश जताते हुए कहा गया है कि विद्युत मंडल की तीनों वितरण कंपनियों में हर माह ₹15 सौ करोड़ राजस्व वसूली आने के बाद पेंशनरों को पेंशन देने के लाले पड़े हुए हैं। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले समय में कार्मिकों को भी वेतन देने के लाले पड़ेंगे।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि अनेक पेंशनर्स के द्वारा हाउस लोन, पर्सनल लोन आदि लिया गया है, जिसकी किस्त चुकाने के लिए पेंशनर्स परेशान हो रहे हैं। वहीं नवरात्रि एवं दशहरा जैसे मुख्य त्योहार भी निकल गये, लेकिन अभी तक पेंशनर्स को पेंशन नहीं मिली। इसी महीने हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दिवाली भी है, जबकि अनेक सेवानिवृत्त कार्मिकों का परिवार पेंशन पर ही निर्भर हैं। वहीं संघ का कहना है कि नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बाद में दे देना, मगर सबसे पहले पेंशनर्स को पेंशन दी जाए।
संघ के केएन लोखंडे, रमेश रजक, एसके शाक्य, एसके मौर्य, एसके सिंह, जेके कोस्टा, रामसहाय राय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, अजय कश्यप, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, लखन सिंह राजपूत, बसंत, विष्णु दास, संतोष पटेल, आशुतोष गौतम, सुरेंद्र मेश्राम, इंद्रपाल सिंह, आजाद सकवार, विनोद दास, राजेश शरण आदि ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री एवं सभी कंपनी के प्रबंधकों से मांग की है कि पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान तत्काल किया जाए।