मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलॉइज एवं इंजीनियर ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर भिण्ड एवं मुरैना जिलों में मीटर रीडिंग का कार्य नियमित कर्मचारियों से कराये जाने का विरोध किया है।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक व्हीकेएस परिहार ने पत्र में कहा कि वर्तमान स्थित में नियमित कर्मचारियों की सभी जगह भारी कमी है। इसके बावजूद ग्वालियर क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक द्वारा मीटर रीडिंग का कार्य वहां पर पदस्थ नियमित परीक्षण सहायकों एवं संविदा परीक्षण सहायकों से कराने के आदेश प्रसारित किये गये जो कि न्यायोचित नहीं है, क्योंकि परीक्षण सहायकों का कार्य, उपकेन्द्रों में ड्यूटी करते हुये विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चलाना जो कि अति आवश्यक कार्य है।
उसके विपरीत उन्हें मीटर रीडिंग में लगाया जाना किसी भी प्रकार से कंपनी हित में नहीं है, क्योंकि सभी पदों का अलग-अलग दायित्व होता है एवं इसी कारण पदों का निर्माण किया जाता है एवं उनसे वहीं कार्य कराया जाना चाहिये, जिसके लिये उनकी सेवायें कंपनी द्वारा विज्ञपित की गई थी। शासन एवं कंपनी की अदूरदर्शिता के कारण संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप न दिये जाने के कारण कंपनियों में इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई है कि कंपनियों में हर वर्ग नियमित कर्मचरियों की भारी कमी है। इसके लिये कंपनियां पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि फोरम की लगातार मांग रहा है कि कंपनियों में सभी वर्गों में नियमित भर्ती की जाये, लेकिन शासन प्रबंधन का ध्यान उस ओर कभी नहीं गया, लेकिन जब आज आऊटसोर्स कर्मचारियों द्वारा मीटर रीडिंग में अनियमिततायें की जा रही, तब प्रबंधन को नियमित कर्मचारियों की याद आ रही है एवं किसी भी कर्मचारी से कोई भी कार्य कराने के आदेश प्रसारित कर नियम विरूद्ध कार्य किये जा रहे हैं, जिसका फोरम पुरजोर विरूद्ध करता है।
यूनाइटेड फोरम ने कहा कि परीक्षण सहायक द्वारा यह सेवायें अपनी कार्यप्रणाली एवं सेवा शर्तों को ध्यान में रखकर स्वीकार की थी, किंतु वर्षो से विद्युत विभाग में सेवा देने के पश्चात तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की सेवा चतुर्थ श्रेणी में परिवर्तन करना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं माना जा सकता है। कंपनी के अंतर्गत जिस अधिकारी एवं कर्मचारी की जिस कार्य हेतु, जिस पद पर भर्ती की गई है, उसी पद के अंतर्गत उनसे कार्य लेना ही नियम संगत होगा।