एमपी की बिजली कंपनियों में समाप्त की जाए ठेका प्रथा, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बनाई जाए मानव संसाधन नीति

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में आज सुबह 9 बजे जबलपुर में सिटी सर्किल के मुख्यालय मिशन कंपाउंड में आंदोलन के द्वितीय चरण की पहली जन जागरण सभा की गई। इसके पश्चात शाम 4 बजे उप संभाग पश्चिम में भी जन जागरण सभा की गई।

जन जागरण सभा में संघ महासचिव के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती बिजली कंपनियों में कार्यरत पैतीस हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन नीति बनाई जावे। इसके साथ ही विद्युत मंडल की कंपनियों से ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सभी आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन किया जाए।

अरुण मालवीय ने कहा है कि बिजली कर्मियों की मांग स्वीकार कर भारतीय जनता पार्टी का जन संकल्प 2013 को पूरा किया जावे। मोहन दुबे ने कहा है कि 20 साल से नियमित कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट नहीं दिया गया है, तत्काल दिया जावे। अजय कश्यप ने कहा है कि वर्ष 2012 के पूर्व एवं उसके बाद जिन आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है, उनके परिवार के आश्रित को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जावे।

विनोद दास ने कहा है कि आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों को विद्युत मंडल की कंपनियों में अत्याधिक जोखिम का कार्य कराते हैं, जिसकी वजह से करंट लगकर घटनाएं हो रही हैं उस पर विराम लगना चाहिए। इस अवसर पर संघ के आजाद सकवार, सुरेंद्र मेश्राम, वीरेंद्र रोहिताश, दिनेश कोल, प्रीतम सेन, राजेश शरण, मुकेश पटेल, अंकित तिवारी, शीतल चौधरी, चमन पटेल, दीपेश वर्मा, सूर्यनारायण दीवान, मोती काछी, प्रकाश काछी, इंद्रपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।