मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि अनुकम्पा नियुक्ति पर लिपिक के पद पर भर्ती हुए अनेक कर्मचारियों को सीपीसीटी परीक्षा तीन वर्ष में पास ना करने के कारण वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा रहा, जबकि कुछ स्थानों में नौकरी से भी निकाला जा रहा है। अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी रोड़ा बन गई है।
अनुकम्पा नियुक्ति आदेश में यह शर्त जोड़ी जाती है कि तीन वर्ष के अंदर सीपीसीटी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, परीक्षा उत्तीर्ण न करने वालों की सेवाएं समाप्त हो जावेगी। इस शर्त के कारण आज अनेक कर्मचारियों को नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया गया है, वैसे भी अनुकंपा नियुक्ति पर रखे गए मृत कर्मी के अनाथ बच्चों और उनकी विधवा पत्नि को कंडिका 6.5 के अनुसार सीपीसीटी की परीक्षा उत्तीर्ण न करने के कारण अनेक लाभ नहीं दिये जा रहे है।
वहीं जहां अनुकंपा नियुक्ति पा चुके दिवंगत लिपिकों के आश्रित कंप्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं। ऐसे कर्मचारियों को सक्षम अधिकारियों द्वारा से सेवा से हटा दिया गया है। पशुपालन, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, राजस्व जैसे विभागों में कंप्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने पर सेवा से निकाल दिया गया है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेन सिंह ने बताया है कि पूर्व में भी टाइपिंग परीक्षा पास ना करने वालों को 3 वर्ष के पश्चात सेवा से पृथक करने की शर्त नियुक्ति आदेश में जोड़ी जाती थी परंतु हजारों कर्मचारियों ने टाइपिंग परीक्षा निर्धारित समय में पास नहीं की इसके पश्चात भी इन कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त नहीं किया गया , लेकिन वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति से नियुक्त कर्मचारियों को सीपीसीटी की परीक्षा उत्तीर्ण न करने वालों को सेवा से पृथक करना पूरी तरह गलत है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, नरेश शुक्ला, देव दोनेरिया, प्रशांत सोधिया, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, रविकांत दहायत, यूएस करोसिया, प्रदीप पटेल, आलोक बाजपाई, योगेंद्र मिश्रा, नरेंद्र सिंह चौहान, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, मनोज राय, नरेंद्र सेन, सुरेंद्र जैन, एसपी बाथरे, केजी पाठक, अर्जुन सोमवंसी, रवि बांगड़ ने अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी परीक्षा की शर्त को समाप्त कर सभी नियुक्त कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने एवं नौकरी से नहीं निकालने की मांग की है।