मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी प्रबंधन को पत्र लिखकर मांग की है कि विदिशा एवं रायसेन वृत्त के निलंबित अधिकारियो को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। अभियंता संघ ने अपने पत्र में कहा कि जैसा कि विदित है महाप्रबंधक संपूर्णानन्द शुक्ला प्रकरण में झूठी शिकायत कर षड़यंत्रपूर्वक लोकायुक्त प्रकरण बनवाया गया था।
इसके पीछे का तथ्य यह था कि ज़फर कुरेशी द्वारा ‘गंज’ वितरण केन्द्र अन्तर्गत शिवरामपुर ग्राम में अपने वेयर हाउस हेतु स्थापित अवैध लाइन एवं ट्रांसफार्मर को ऊर्जाकृत करने हेतु दबाव डाला जा रहा था एवं वहॉ विद्युत चोरी की जा रही थी, जिसका चोरी का प्रकरण महाप्रबंधक के निर्देश पर बनाया गया था।
मामले में संयुक्त विरोध प्रदर्शन करने के कारण दबाव फलस्वरूप ज़फर कुरैशी के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई गइै है। उल्लेखनीय है कि जफर कुरेशी एवं उनके भाई जुबेर कुरेशी इसी प्रकार का दबाव डालकर अवैध कार्य कराते रहे हैं एवं बिजली कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।
हाल ही में विजिलेंस टीम द्वारा जब ज़फर कुरेशी के गंजबसौदा स्थित मकान की जॉंच की गई तो वहॉं भी बिना मीटर के सप्लाई चालू पई गई एवं स्वीकृति से अधिक लोड पाया गया एवं नाम मात्र के यूनिट बिल किये जाना पाया गया। ज्ञात हो कि जफर कुरेशी के प्रभाव एवं उनके उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से पहुंच होने के कारण मैदानी अधिकारियों पर वह इस प्रकार दबाव डालकर अवैध कार्य कराता रहा है।
अभियंता संघ ने कहा कि प्रसाशन कि जांच में यह भी आया है कि कुरेशी बंधुओं द्वारा दबाव डालकर अन्य विभागों में भी इसी प्रकार के अवैध काम किये जाते रहे हैं। लेकिन संज्ञान में आया है कि सतही जांच के बाद संबंधितों का स्पष्टीकरण प्राप्त किये बिना, एक दर्जन से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है जो कि नियम विरुद्ध है। जैसा कि ज्ञात है कि जफर कुरेशी द्वारा अपने प्रशासनिक संबंधों के बल पर निचले स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारियों को दबाव में लाकर अवैध कार्य कराये जा रहे थे, इस स्थिति में उन पर कार्यवाहियां करना न्यायोचित नहीं है।
अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला ने कहा कि उल्लेखनीय है कि जफर कुरेशी के अवैध कार्यों का पर्दाफाश विद्युत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा किया गया। जिस पर संज्ञान लेकर अन्य विभागों द्वारा भी कार्यवाही की गई, लेकिन किसी भी विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं की गई। सिर्फ विद्युत विभाग में तथ्यों की पूर्ण जांच किये बगैर निलंबन की कर्यवाही की गई है और 15 दिवस से अधिक समय ब्यतीत हो जाने के बाद भी आज तक निलंबन बहाल नहीं लिया गया, जिसका अभियंता संघ विरोध करता है एवं आपसे मांग करता है कि निलंबित किये गये सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाये।