मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। प्रदेश में लगभग 50,000 दिव्यांगों ने सरकारी नौकरी की आस में अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है, जबकि सरकारी विभागों में दिव्यांगजनों के लिए लगभग 5000 पद ही रिक्त हैं।
संघ ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व प्रदेश में विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से लगभग 700 दिव्यांगों को विभिन्न पदों पर सरकारी नौकरी दी गई थी। पिछले 6 वर्षों से दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरी में भर्ती हेतु कोई अभियान नहीं चलाया गया है। जिससे दिव्यांग कोटे के पद रिक्त हैं, विशेष भर्ती अभियान ना चलाए जाने से प्रदेश के हजारों दिव्यांगों में भारी रोष व्याप्त है।
संघ के अर्वेद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मुन्ना लाल पटेल, बलराम नामदेव, चंदू जाऊलकर, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पांडे, वीरेंद्र तिवारी, घनश्याम पटेल, सुरेन्द्र जैन, तरुण पंचोली, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मो तारिक, धीरेंद्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी, श्याम नारायण तिवारी, विवेक तिवारी, मनोज सेन, गणेश उपाध्याय, आदित्य दीक्षित आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए।