मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने सरकारी विभागों में सेवा में रहते हुए निधन होने पर उनके अनाथ बच्चों को चपरासी या कार्यभारित चौकीदार के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने को गलत बताया है, जबकि इन बच्चों के पास वरिष्ठ पद की योग्यता होती है। शासकीय अधिकारी या कर्मचारी का जिस पद पर रहते हुए निधन होता है, वह पद रिक्त हो जाता है उसके पुत्रों को योग्यता के आधार पर उस रिक्त पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति देना चाहिए। लेकिन शासन के आदेश के तहत तृतीय, चतुर्थ या कार्यभारित स्थापना के पदों में अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। अनुकंपा नियुक्ति योग्यता होने के पश्चात भी प्रथम या द्वतीय श्रेणी के पदों में नहीं दी जाती है। कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों को तीन या पांच वर्ष तक नियमित वेतनमान भी नहीं दिया जाता है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेश शुक्ला, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वदीप पटेरिया, मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष मिश्रा, मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष संजय गुजराल, मध्य प्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी, मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष देव दोनेरिया, मध्य प्रदेश अजाक्स के जिला अध्यक्ष योगेश चौधरी, मध्य प्रदेश आईटीआई तक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रशांत सोंधिया, मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष अजय दुबे, मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष रवि दहायत, मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अध्यक्ष एसके वांदिल, सपाक्स अध्यक्ष प्रदीप पटैल, समयपाल संघ के अध्यक्ष मुकेश मरकाम, सिहोरा तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, नरेंद्र सेन, धीरेंद्र सिंह, आलोक अग्निहोत्री, चंदू जाऊलकर, पीएल गौतम, रवि बागडी, अर्जुन सोमवंसी ने जिस पद में रहते हुए अधिकारी या कर्मचारी का निधन होता है, उस रिक्त पद पर ही उनके अनाथ बच्चों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की है।