मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि विद्युत मंडल वर्ष 1974 से अपने अस्तित्व में आया है, तब से लगभग 48 वर्ष गुजर चुके हैं, उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि का ध्यान रखते हुए विद्युत कर्मी अपने परिवार के साथ न धनतेरस मना पाते हैं और न ही दीपावली।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली अधिकारियों के द्वारा ट्रांसफार्मर के नीचे लगे डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स पर शाम 4 से रात्रि 12 बजे तक आउटसोर्स, संविदा और नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी जाती है। जबकि आउटसोर्स और संविदा कर्मियों को न अतिरिक्त भत्ता मिलता है न ही नाइट अलाउंस मिलता है। जिसके लिए बार-बार कंपनी प्रबंधन और सरकार से शिकायत की गई, परंतु कंपनी प्रबंधन एवं अधिकारियों द्वारा हठधर्मिता करते हुए अवकाश के दिनों में भी इन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों के द्वारा आउटसोर्स और संविदा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है तो उन्हें अवकाश दिवस का अतिरिक्त भत्ता एवं नाइट अलाउंस दिया जाना चाहिए।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, वीरेंद्र विश्वकर्मा, अरुण मालवीय, सुरेंद्र मेश्राम, विनोद दास, आजाद सकवार, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, इंद्रपाल सिंह, लखन सिंह राजपूत, आशुतोष गौतम, प्रवीण दहिया, गिरीश कनौजिया, प्रीति मरावी, प्रमोद सोंधिया, मुकेश पटेल, संतोष पटेल, प्रकाश काछी आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है तो उन्हें भी अतिरिक्त भत्ता एवं नाइट अलाउंस दिया जाना चाहिए।