मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों के मैदानी बिजली कर्मियों के साथ अधिकारी दमनात्मक कार्यवाही कर रहे हैं। बात-बात पर सभी वर्ग के कर्मियों को नौकरी से निकालने और नोटिस थमाने की धमकी दी जाती है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों के ऊपर अधिकारियों के द्वारा दमनात्मक कार्यवाही करके उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में तकनीकी कर्मचारियों से अनेक कार्य कराए जा रहे हैं। जैसे- राजस्व वसूली, मेंटेनेंस, उपभोक्ता की बंद बिजली को चालू करना, अंधड़-पानी आने पर ब्रेक डाउन, सी डाउन अटेंड करना, परीक्षण सहायकों से राजस्व वसूली करवाना, मीटर की रीडिंग करवाना आदि। तकनीकी कर्मचारियों को इतने सारे कार्य दे दिए जाते हैं। इनमें से यदि एक कार्य भी नहीं हो पता है तो अधिकारियों के द्वारा तकनीकी कर्मचारियों का वेतन रोकना, वेतन वृद्धि रोकना, चार्जशीट देना, नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जीके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र विश्राम, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, दशरथ शर्मा, विनोद दास, मदन पटेल, हीरेंद्र रोहिताश, वीरेंद्र विश्वकर्मा आदि ने मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती बिजली कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि कर्मचारियों के ऊपर दमनात्मक कार्यवाही कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित न किया जाए।