मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एवं इंजीनियर के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर कहा है कि संविदा नीति 2018 के अनुसार नियमित कर्मचारी अधिकारी के बेसिक के 90 प्रतिशत के बराबर संविदा कर्मी को देय होगा, जिसका अध्ययन करने पर पाया गया कि अन्य पदों के विरुद्ध नियम अनुसार बेसिक का 90 प्रतिशत संविदा कर्मियों को प्राप्त हो रहा है।
वहीं कंपनी में कार्यरत संविदा परीक्षण सहायक के बेसिक का अवलोकन करने पर पाया गया कि पॉलिसी 2018 जारी होने के पश्चात से ही बेसिक की विसंगति चली आ रही है, परीक्षण सहायक नियमित का बेसिक 25300-80500 है, 2018 से या उसके बाद संविदा परीक्षण सहायक, जिसका नियमित पद के न्यूनतम बेसिक 25300 का 90 प्रतिशत 22,770 होना था, किंतु उसके स्थान पर त्रुटिवश 19890 दिया जा रहा है तथा 2013 संविदा परीक्षण सहायक का 90 प्रतिशत बेसिक 23910 होना था, किंतु उसके स्थान पर 20890 दिया जा रहा है।
जबकि संविदा पर नियुक्त सहायक अभियंता, प्रबंधक, प्रोग्रामर, कनिष्ठ अभियंता, कनिष्ठ शीघ्रलेखक, कार्यालय सहायक श्रेणी 3, लाइन अटेंडेंट, वाहन चालक, भृत्य व वार्ड ब्याय संविदा को नियमित पद के न्यूनतम बेसिक का 90 प्रतिशत दिया जा रहा है, किंतु परीक्षण सहायक संविदा के बेसिक निर्धारण में त्रुटि की गई है जो की संविदा नीति 2018 का उल्लंघन है। फोरम ने मांग की है कि संविदा कर्मियों की वेतन विसंगति को सीमित समय अवधि में निराकृत कर बेसिक में नियमानुसार सुधार कर 2018 से आज वर्तमान तक की राशि एरियर सहित आगामी माह के वेतन में समायोजित कर दी जाए।