मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि संभागीय पेंशन कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। संभागीय पेंशन कार्यालय में जब से नए पेंशन अधिकारी, सहायक पेंशन अधिकारी पदस्थ हुए हैं, तब से संभाग के सेवानिवृत्त होने वाले लोक सेवकों के पेंशन प्रकरणों में अनावश्यक आपत्तियां दर्ज की जाती हैं, एक बार आपत्ति का निराकरण करने के बाद पुनः पेंशन प्रकरण प्रस्तुत होने पर अन्य दूसरी आपत्ति दर्ज प्रकरण वापस कर दिया जाता है।
जिससे सेवा निवृत्त कर्मचारी के पेंशन प्रकरण का निराकरण होने में महिनों का समय लग जाता है। पेंशन प्रकरण में बार-बार नई-नई आपत्ति लगने से जहां एक और सेवा निवृत्त कर्मचारी परेशान होता है, वहीं संबंधित कार्यालयों को भी अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पडता है। जबकि नियमानुसार किसी भी पेंशन प्रकरण में एक बार ही समस्त अपत्तियां लगाई जाकर निराकृत किये जाने का प्रावधान है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे. आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, आरके गुलाटी, बिट्टू आहलूवालिया, पंकज शर्मा, राकेश तिवारी, रमाकांत वाजपेयी, कमलेश यादव, विपिन शर्मा, मुमताज अंसारी, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, राजकुमार मिश्रा, शंकर वानखेडे आदि ने कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर से मांग की है कि संभागीय पेंशन कार्यालय में आपत्ति के नाम पर हो रहे रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए संभागीय पेंशन अधिकारी, सहायक पेंशन अधिकारी के विरूद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही की जाये।