मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना के लिए लगाए जा रहे शिविरों में शासकीय अधिकारी-कर्मचारी और जन-प्रतिनिधियों द्वारा योजना के प्रावधानों और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। शिविरों में कुछ तत्व बहनों को योजना में अधिक राशि देने के वायदे कर बहकाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। आवश्यकता हुई तो शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने का दोषी मानकर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा लाड़ली बहना योजना के संबंध में चर्चा की।
सीएम चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। प्रदेश के ऐसे जिले जो अन्य प्रांतों की सीमा से लगे हुए हैं, वहाँ प्रदेश के बाहर के आवेदक योजना का लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे प्रयास नियम विरूद्ध हैं, ऐसे आवेदनों को किसी भी स्थिति में स्वीकृत नहीं किया जाएगा। गलत जानकारी देकर पड़ोसी राज्यों के आवेदक योजना का लाभ नहीं ले सकते। सीमावर्ती जिले में यह ध्यान रखें कि बाहर के आवेदक न आएँ। कलेक्टर्स ऐसे मामलों पर नजर रखें और आवश्यक कार्यवाही करें।
सीएम चौहान ने कहा कि योजना के लिए आधार लिंक बैंक खातों को आवश्यक माना गया है। इसके लिए किए जा रहे कार्य में सभी का सहयोग मिल रहा है। रामनवमी के त्यौहार के दिन भी जिलों में आवेदन-पत्र भरे गए। अनेक जिलों में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। सीएम चौहान ने ऐसे जिलों को बधाई दी।
सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न माध्यमों से योजना का अच्छा प्रचार हुआ है। योजना की जानकारी ग्राम-ग्राम तक पहुँचाने के लिए दीवार लेखन उपयोगी माध्यम है। अनेक जिलों में दीवार लेखन का उपयोग कर बहनों को योजना के प्रावधान बताए जा रहे हैं, यह प्रशंसनीय प्रयास है। शहरी क्षेत्रों में सोशल मीडिया के उपयोग से भी इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में लाखों बहनों तक जानकारी पहुँची है। प्रदेश में योजना के प्रपत्र भरवाने का कार्य भी तेज हो चला है। एक अभियान के रूप में इस कार्य को किया जा रहा है। अभी तक 32 लाख से ज्यादा बहनें योजना का फायदा लेने के लिए आवेदन कर चुकी हैं।
सीएम चौहान के निर्देश
योजना के लिए प्रक्रिया से जुड़ी दिक्कत न हो। कलेक्टर्स, बैंकर्स से चर्चा करें।
तकनीकी समस्याओं को दूर किया जाए।
सोशल मीडिया पर प्रपत्र भरवाने का भी चित्र सहित प्रचार करें।
यथा संभव वॉल पेंटिंग, जागरूकता रथ और गीत प्रसारण से जानकारी दी जाए।
प्रपत्र भरवाने में अधिक भीड़ होने पर टोकन की व्यवस्था की जा सकती है।