रेल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, चौबीस घंटे कार्यरत टिकिट चेकिंग स्टॉफ रेल प्रशासन की बदइंतजामियों का शिकार हो रहा है। करोड़ रुपये का राजस्व रेल खजाने में देने के बावजूद प्रशासन उनकी अपेक्षा कर रहा है।
इसकी एक बानगी पश्चिम मध्य रेलवे के बीना रेस्ट हाऊस में देखने को मिली, जहां पर विभिन्न स्टेशनों से ड्यूटी करने के पश्चात रेस्ट करने टीटीई आते है। यहां व्याप्त बदइंतजामियों के साथ-साथ पर्याप्त बेड नहीं होने के कारण और अधिकतर समय रेस्ट हाऊस हाउसफुल रहने के चलते टीटीई कंपकंपाती सर्दी में बेड मिलने के इंतजार में खुले में रतजगा करने मजबूर है।
पश्चिम मध्य रेल मज़दूर संघ के अध्यक्ष सीएम उपाध्याय ने कहा है कि उक्त मुद्दे को कल होने वाले बैठक में महाप्रबंधक के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। महामंत्री अशोक शर्मा व संघ प्रवक्ता एवं संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि प्रशासन की उपेक्षा पूर्व नीति की वजह से टोटीई स्टॉफ के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। जिसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम है।
संघ द्वारा टीटीई रेस्ट हाउस में रनिंग स्टॉफ के समान समुचित सुविधाए उपलब्ध कराने की लम्बे समय से लगातार मांग की जा रही है। संघ के मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने कहा कि यदि टीटीई को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई तो उग्र आंदोलन होगा।