DRM के आश्वासन के बाद शांत हुआ मामला
RPF द्वारा रेल कर्मचारियों को वाहन पार्क करने से मना करने पर हुआ विवाद
केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय द्वारा शनैः शनैः भारतीय रेलवे के निजीकरण करने की नीति के तहत रेल स्टेशनों, ट्रेनों व रेल सपंत्ति को बेचने के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। रेलवे कर्मचारियों को कार्यस्थल पर नियमानुसार मुफ्त पार्किंग पर रोक लगायी जाने लगी है। इस तरह के रवैया से लगता है कि कर्मचारियों को कार्यस्थल पर काम करने का किराया देना भी पड़ सकता है।
संघ प्रवक्ता व सयुक्त महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि जबलपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-6 के पास सिग्नल व टेलीकॉम विभाग (एसएडटी) तथा ऑडिट विभाग के लगभग 150 रेल कर्मचारी कार्यरत हैं, जो वर्षों से रेल स्टेशन परिसर में कार्यालय के बाहर निर्धारित स्थान पर अपने वाहन पार्क करते थे, परंतु विगत 6 माह के स्टेशन के रिडेवलपमेंट की आड़ में कर्मचारियों की पार्किंग की जगह ही छीन ली गई।
जिससे आक्रोशित रेल कर्मचारियों ने रेल मजदूर संघ के नेतृत्व में आज बुधवार को पूर्व निर्धारित स्थान पर अपने अपने वाहन पार्क करना प्रारंभ किये, जिस पर रेल सुरक्षा बल के जवानों ने अपत्ति जतायी। जिस पर वाद-विवाद की स्थिति बनी और रेल प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी हुई। अंततः मंडल रेल प्रबंधक संजय विश्वास के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। डीआरएम विश्वास ने सभी कर्मचारियों व रेल मजदूर संघ के प्रतिनिधियों को रेल कर्मचारियों के लिये पार्किंग का स्थान मुहैया कराने का भरोसा दिलाया।
गौरतलब है कि संघ द्वारा विगत लंबे समय से कर्मचारियों को समुचित पार्किंग सुविधा देने का मुद्दा लगातार उठाया है। इस दौरान संघ के मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, दीपक केसरी, आरए सिंह, संजय चौधरी, त्रिभुवन सिंह, श्याम अर्क, अभिलाषा श्रीवास्तव, विजय दुबे, श्यामकला श्रीवास्तव, महेन्द्र कनौजिया, दिनेश राजन, अनिल चौबे, रोशन यादव, धर्मेन्द्र चौधरी, संजीत श्रीवास, दीप्ति खरगे, संगीता धुर्वे, राजकर, मल्होत्रा, जुल्फिकार अली खान, सलीम खान, अनुराग शुक्ला, वीके मिश्रा, जॉय फिलीप, केके वैरागी, अशोक कुमार सिंह, अनिल कुमार, सुदीप सिंह आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।