ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया, जबलपुर में बाहरी तत्व द्वारा अवैध सूदखोरी किए जाने की लगातार मिल रही शिकायतों, रोकी गई अवैध वेतन कटौती सहित अनेक मुद्दों को लेकर इन दिनों कर्मचारियों के बीच खासी सरगर्मी है। इसी दौरान सहकारिता विभाग द्वारा ओएफके कंज्यूमर स्टोर में नरेंद्र सोनकर को नया प्रशासक नियुक्त किया गया है।
नवनियुक्त प्रशासक नरेंद्र सोनकर द्वारा अवैध व्यापार एवं अनैतिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने का आश्वासन यूनियन प्रतिनिधियों को दिया गया है। हालांकि इसके पूर्व में जुलाई 2021 में अरविंद जैन को प्रशासक नियुक्त किया गया था, किंतु अरविंद जैन द्वारा व्यापारी से मिलीभगत कर कैश बुक और लेजर में बदलाव करने के कारण हुई शिकायत के बाद उन्होंने खुद भी आवेदन दिया था, जिसके आधार पर उन्हें बदल दिया गया था एवं आशीष शुक्ला को प्रशासक नियुक्त किया गया था।
वहीं आशीष शुक्ला द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की एक माह के अंदर ही उन्हें पृथक करते हुए, नरेंद्र सोनकर को नया प्रशासक नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि ओएफके कंजूमर स्टोर के माध्यम से एक व्यापारी द्वारा अवैध सूदखोरी का व्यवसाय संचालित किया जाता रहा है, जिसकी लगातार शिकायतें कर्मचारियों एवं कर्मचारी संगठनों द्वारा उच्च अधिकारियों से की जाती रही हैं।
कंजूमर स्टोर कर्मचारियों को कपड़ा और बर्तन उपलब्ध कराने के लिए खोला गया था, किंतु बर्तन दुकान पर एक व्यापारी ने कब्जा कर लिया है और उस व्यापारी द्वारा बर्तन की जगह नगद राशि कर्मचारियों को उधार दी जाती है और 4 गुना राशि की कटौती फैक्ट्री के माध्यम से वेतन से कराई जाती है। जिसका प्रमाणीकरण खमरिया प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में हो चुका है।
आयुध निर्माणी खमरिया के कई कर्मचारियों द्वारा बरसों से औसतन 10,000 रुपये महीने अवैध रूप से काटे जाने एवं उसकी सुनवाई ना होने की शिकायत किए जाने पर प्रबंधन द्वारा जांच कराई गई एवं भारी अनियमितता सामने आने पर इस माह कर्मचारियों की कटौती रोक दी गई। पूर्व प्रशासक द्वारा भी शिकायतकर्ता कर्मचारियों की कटौती रोके जाने की अनुशंसा की गई थी। अब तक कई वर्षों से उक्त व्यापारी द्वारा दिए गए मनगढ़ंत बिल की कटौती बिना किसी सक्षम अधिकारी अथवा कमेटी के हस्ताक्षर के की जाती रही है।
यूनियन प्रतिनिधियों ने नए प्रशासक से मांग की है कि अवैध व्यापार रोका जाए और अवैध कटौती पुनः प्रारंभ न की जाए एवं अवैध रूप से सोसाइटी में काबिज दुकानदार के किसी भी व्यवसाय को संरक्षण न दिया जाए। यूनियनों ने महाप्रबंधक खमरिया से भी मांग की है कि दुकान नंबर 13/ई जिस पर व्यापारी अवैध रूप से काबिज है, का अविलंब इवैक्शन जांच रिपोर्ट के अनुरूप किया जाए।
उक्त व्यापारी दुकान नंबर-13 पर बर्तन की दुकान के नाम से व्यवसाय करता है, किंतु वहां नगद रुपया ब्याज में दिया जाता है। कागज में कपड़ा उधार बेचना दर्शाया जाता है, ताकि जीएसटी बचाई जा सके जबकि वह, गौरा सेल्स एंड प्रमोटर्स के नाम पर बर्तन की दुकान में काबिज है। इस दुकान में न तो दुकान मालिक का नाम लिखा है न जीएसटी नंबर लिखा है और न ही अन्य आवश्यक विवरण दर्ज है।
सुरक्षा कर्मचारी यूनियन एवं कामगार यूनियन के अरुण दुबे, राकेश शर्मा, रूपेश पाठक, आनंद शर्मा, अमित चौबे, राजेंद्र चड़ारिया, मोहित भनौदा, मुकेश विनोदिया, रमेश यादव, धर्मेंद्र रजक आदि ने खमरिया प्रबंधन एवं सहकारिता विभाग से सरेआम चल रहे सूदखोरी के धंधे पर रोक लगाने की मांग की है।