मध्य प्रदेश के सैकड़ों बिजली आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि प्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने अपना वित्तीय भार कम करने के उद्देश्य से अपने कई सब-स्टेशनों में ठेका व्यवस्था समाप्त कर कंपनी के कर्मचारियों को पदस्थ करने का निर्णय लिया है। विगत दिनों कंपनी के परीक्षण एवं संचार विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से इस बाबत सभी अधीक्षण अभियंताओं को एक पत्र भी जारी किया गया था।
ठेकेदारों के द्वारा संचालित सब स्टेशनों को एमपी ट्रांसको के द्वारा स्वयं संचालित किए जाने के निर्णय को बिजली कंपनी में ठेका प्रथा समाप्त करने के तौर पर देखा जा रहा है और बिजली कंपनियों से ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों ने भी कंपनी की इस पहल का स्वागत करते हुए इस पर सकारात्मक प्रतिकिया दी है। लेकिन इस पूरी कवायद के दूसरे पहलू पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया है, जो की सैकड़ों आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी के लिए खतरा बनकर सामने खड़ा है।
विद्युत सूत्रों की मानें तो एमपी ट्रांसको के जिन सब स्टेशनों से ठेका व्यवस्था खत्म की जाएगी, वहां कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए कोई योजना तैयार नहीं की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि वर्षों से कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी भी ठेका व्यवस्था खत्म होते ही खत्म हो जाएगी और उनके सामने रोजी-रोटी तथा परिवार के पालन-पोषण की समस्या खड़ी हो जाएगी।
गौरतलब है कि बिजली कंपनियों में ठेका प्रथा समाप्त करने के साथ ही कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए मानव संसाधन नीति बनाकर बिजली कंपनियों में उनका संविलियन किए जाने की मांग भी वर्षों पुरानी है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा कि ट्रांसमिशन कंपनी ने कई सब स्टेशनों से ठेका व्यवस्था समाप्त करने की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन यहां कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
जानकारों का मानना है कि ठेका प्रथा समाप्त करने के साथ ही बिजली कंपनी प्रबंधन की कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के बारे में भी विचार करना चाहिए और अनुभवी हो चुके इन आउटसोर्स कर्मियों के लिए मानव संसाधन नीति बनाकर उनका संविलियन करना चाहिए, क्योंकि आने वाले सिर्फ दो साल में कंपनी से अनेक नियमित कर्मचारी सेवानिवृत हो जायेंगे, जिनकी भरपाई इन आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन से हो जाएगी और सब स्टेशनों तथा विद्युत तंत्र के संचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।