मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में शुरू की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना केवल योजना ही नहीं, बल्कि बहनों का जीवन बदलने का अभियान है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को धनराशि दिलाने के साथ मन में विश्वास और आत्म-सम्मान भी बढ़ाया है। बेटी के बगैर जीवन-चक्र नहीं चल सकता है।
उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए बालिका और महिला केन्द्रित महत्वाकांक्षी योजनाएँ मध्यप्रदेश सरकार ने शुरू की है। प्रदेश में इस योजना का लाभ एक करोड़ 25 लाख बहनों को मिल रहा है, जिनके बैंक खाते में प्रतिमाह की 10 तारीख को 1000 रूपये की राशि जमा कराई जा रही है। योजना के दूसरे चरण में 21 से 23 साल की बहनों का पंजीयन किया जा रहा है। अगले माह छूटी हुई बहनों का पंजीयन किया जायेगा।
सीएम चौहान ने कहा कि लाड़ली बहनों की आँखों में आँसू नहीं आने दूँगा। सबके चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर ही चैन से बैठूंगा। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं सवा करोड़ लाड़ली बहनों का भाई हूँ। भाई ने सोचा कि साल में एक बार नहीं, हर महीने बहनों के खाते में राशि देना चाहिये। इसीलिये लाड़ली बहना योजना शुरू की। शुरूआत 1000 रूपये से की है, लेकिन धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 3000 रूपये किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए उनकी आमदनी प्रतिमाह 10 हजार रूपये तक करने का लक्ष्य है। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए स्व-सहायता समूह से जोड़ा जा रहा है, साथ ही समूहों को कार्य भी दिये जा रहे हैं। बहना के हाथ में पैसा होने पर उनका घर और समाज में सम्मान बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों 10 तारीख फिर आ रही है। आपके खाते में फिर राशि डाली जायेगी। इसी महीने की 28 तारीख को आपका भाई आपसे फिर संवाद करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जहाँ स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत तक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में महिलाएँ पंचायत और नगरीय निकाय का सफलता से संचालन कर रही हैं। समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी और ताकत, दोनों बढ़ी हैं। प्रदेश में नया कानून लाकर बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फाँसी की सजा दिलाई जा रही है और आरोपियों के घर बुलडोजर से गिराये जा रहे हैं।