मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में आज सोमवार को बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन बेरियर के समक्ष तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों संविदा एवं आउटसोर्स बिजली कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सभी बिजली कंपनियों के सीजीएम-एचआर को ज्ञापन सौंपा गया।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि अपना अधिकार पाने सभी बिजली कर्मियों को एकजुट होना होगा हमारी एकता ही हमारी सफलता की नई इबारत लिखेगी। हम अगर एक होंगे तो सरकार को झुकना पड़ेगा। उन्होंने अपील की चाहे नियमित कर्मी हों या संविदा तथा आउटसोर्स कर्मी हों, हमे एकजुटता के साथ पूरी ताकत से अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, तभी हम अपने उद्देश्य में सफल होंगे।
वहीं तकनीकी कर्मचारी संघ ने अपने तीन सूत्रीय ज्ञापन पत्र में मांग की है कि आउटसोर्स के कर्मियों का बिजली कम्पनियों में संविलियन कर मानव संसाधन नीति बनाई जाए। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए और नियमित कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट दिया जाए।
इसके अलावा संघ ने कहा कि जमीनी अधिकारियों के द्वारा आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों से जोखिम का कार्य कराया जाता है, सुरक्षा उपकरण समय पर ना देने की वजह से लगातार करंट लगकर दुर्घटना होती जा रही हैं। संघ के द्वारा कंपनी प्रबंधकों से मांग की गई है कि आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों को 20 लाख का बीमा दिया जाये। दुर्घटना होने पर कैशलेस उपचार की सुविधा दी जाये। आउटसोर्स कर्मी, संविदा कर्मी तथा नियमित कर्मी के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। साथ ही बिजली कंपनियों के द्वारा वर्ष 2012 के पूर्व के जिन अनुकंपा आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है, उनको भी अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
इस अवसर पर रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके शाक्य, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, सुरेंद्र मेश्राम, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, विनोद दास, राजेश शरण, संदीप दीपांकर, इंद्रपाल सिंह, शिव दत्त तिवारी, मुकेश पटेल, पुरुषोत्तम पटेल, राजेश्वर, पीएन मिश्रा, राजेश यादव, दशरथ शर्मा, अनिल पटेल, प्रीतम सेन, शीतल चौधरी, कमलेश ओझा, रविकांत विश्वकर्मा, महेंद्र पटेल, अनमोल तिवारी, राजकुमार थापा, नरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे।