मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा पहली बार विद्युत वितरण कंपनियों की 5 वर्षों की राजस्व आवश्यकता को देखते हुए बहुवर्षीय वार्षिक राजस्व आवश्कता का निर्धारण गया है। विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 48,874 रुपये करोड़ सकल राजस्व की आवश्यकता प्रक्षेपित की गई थी, जिसके अन्तर्गत विद्यमान टैरिफ में राजस्व अन्तर की राशि 3916 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति हेतु वर्तमान विद्युत दरों में 8.71 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई थी।
विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 की रूपये 4982 करोड़ दावे की सत्यापन याचिका पृथक से प्रस्तुत की गई थी। आयोग द्वारा गहन जाँच के उपरांत मात्र 226 करोड़ रुपये मान्य किए गए। नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 45,971 करोड़ रुपये की सकल राजस्व आवश्यकता को स्वीकार किया है, जिसमें वित्तीय-वर्ष 2020-21 की सत्यापन याचिका की स्वीकृत राशि 226 करोड़ रुपये शामिल है एवं विद्यमान टैरिफ में राजस्व अन्तर की राशि 1181 रुपये को मान्य किया गया है। इस प्रकार इस अन्तर की भरपाई हेतु टैरिफमें मात्र 2.64 प्रतिशत की वृद्धि स्वीकार की गई है।
आयोग द्वारा 1.13 रुपये प्रति यूनिट की दर से हरित ऊर्जा टैरिफ (ग्रीन एनर्जी टैरिफ) प्रथम बार निर्धारित किया गया है। यह एक वैकल्पिक टैरिफ है तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के टैरिफ आदेश के अनुसार सम्बंधित श्रेणी के सामान्य टैरिफ के अतिरिक्त देय होगा। यह उन उपभोक्ताओं की आवष्यकता की पूर्ति करेगा जो वितरण अनुज्ञप्तिधारी से अपनी संविदा मांग की 100 प्रतिशत पूर्ति नवकरणीय ऊजाज़् से करना चाहते हैं।
निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता, रेल्वे ट्रेक्शन तथा ई-व्हीकल एवं ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन टैरिफ श्रेणियों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उपभोक्ताओं पर कोई भी मीटरिंग चार्जेस प्रयोज्य नहीं किये गये है। घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन देने के लिये, उन्हें विद्युत बिल का भुगतान ऑन लाइन किये जाने पर 0.5 प्रतिशत की छूट बिना किसी अधिकतम सीमा के दी जावेगी।
इस आदेश मे आयोग द्वारा निम्न छूटों को यथावत जारी रखा गया है। नवीन तथा विद्यमान उच्च दाब/अति उच्च दाब संयोजनो, विद्यमान निम्नदाब औद्योगिक व गैर घरेलू श्रेणी से तत्सम्बंधित उच्च दाब श्रेणी मे परिवर्तित उपभोक्ताओं, केप्टिव पावर संयंत्र उपभोक्ताओं तथा खुली पहुंच उपभोक्ताओं को प्रयोज्य छूट व प्रोत्साहनों की अवधि वित्तीय वर्ष 2022-23 तक विस्तारित कर बिना परिवर्तन जारी रखी जायेगी।
पूर्व-भुगतान (प्रीपेड) मीटरिंग, अग्रिम देयक भुगतान, त्वरित देयक भुगतानों, ऑन लाइन भुगतान भार कारक (लोड फेक्टर) तथा ऊर्जा कारक (पॉवर फेक्टर), टाइम ऑफ डे पर दी जा रही छूटों व प्रोत्साहनों को बिना किसी परिवर्तन जारी रखा जाएगा।