मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी पुलिस विभाग की तरह 13 माह का वेतन प्रदान किया जाये। संपूर्ण राष्ट्र जब कोरोना के भय से लॉकडाउन था और सभी शासकीय और अशासकीय विभाग पूर्णतः बंद थे, तब से अब तक स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, स्टाफ नर्स, एएनएम, एमपीडब्ल्यू एवं पैरामेडीकल स्टाफ ने लगातार विगत 2 वर्षो से बिना अवकाश के अपनी एवं अपने परिवार की जान की परवाह किये बिना विषम परिस्थितियों में भी जनसमुदाय को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना योद्धाओं को 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई थी, जो आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की जान बचाने में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ा है, जिससे उनके परिवार आर्थिक एवं मानसिक परेशानी झेल रहे हैं।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एस पी बाथरे, सीएन शुक्ला, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, नवीन यादव, अशोक मेहरा, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे, शैलेन्द्र दुबे, अतुल पाण्डे आदि ने मुख्यमंत्री को ईमेल कर मांग की है कि कोरोना योद्धाओं को 1 माह का अतिरिक्त, कुल 13 माह का वेतन पुलिस विभाग की तरह प्रदान किया जाये।