मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली कंपनियों के अधिकारियों द्वारा अमानवीय रूप से नियमों को ताक पर रखकर आउटसोर्स कर्मियों से करंट का कार्य कराया जाना लगातार जानलेवा साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत सिवनी के बंडोल वितरण केंद्र में पदस्थ आउटसोर्स कर्मी योगेश गोपचे उम्र 30 वर्ष को 22 मार्च को जूनियर इंजीनियर द्वारा टूटे हुए 11 केवी के तार को जोड़ने का कार्य को दिया गया था। ठेका कर्मी दोपहर लगभग 2 बजे सीमेंट के पोल में चढ़कर 11 केवी का तार खींच कर जोड़ रहा था, उसी समय पोल टूट गया। जिससे पोल के साथ ही आउटसोर्स कर्मी योगेश गोपचे जमीन पर आ गिरा।
इस हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आई एवं कमर की हड्डी में फैक्चर हो गया। घायल कर्मी को तत्काल सहयोगियों के द्वारा सिवनी के सरकारी हॉस्पिटल में लाकर आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया गया। आउटसोर्स कर्मी को होश नहीं आने पर, गंभीरता को देखते हुए सिवनी हॉस्पिटल के द्वारा तत्काल उसे नागपुर के हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। आउटसोर्स कर्मी क्रिस्टल कंपनी में कार्य करता था। संघ के पदाधिकारियों के द्वारा फोन करके अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, विपत लाल विश्वकर्मा, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, राजाराम यादव, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र मेश्राम, आजाद सकवार, टी डेबिट, राजेश यादव, लखन सिंह राजपूत, शशि उपाध्याय, राजेश यादव आदि ने क्रिस्टल कंपनी से मांग की गई है कि ठेका कर्मी के इलाज के लिए तत्काल सहायता राशि दी जाए।