विद्युत पावर ट्रांसमिशन सिस्टम में अर्थिंग की उपयोगिता पर दिल्ली के सीबीआईपी हाल में आयोजित 13वें राष्ट्रीय अर्थिंग सिस्टम कांफ्रेंस में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सब-स्टेशनों और टावरों में उपयोग किये जा रहे अर्थिंग सिस्टम को सराहना मिली है। गत दिवस नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेस में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अभियंताओं द्वारा अर्थिग सिस्टम और उसकी उपयोगिता व क्रियान्वयन पर एक पेपर प्रस्तुत किया गया। इस पेपर के लेखक पूर्व मुख्य अभियंता केके मूर्ति तथा सहलेखक मुख्यालय जबलपुर में पदस्थ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालन अभियंता प्रमोद बेहरे तथा दीपक पटेल हैं।
विश्व के जाने माने ऊर्जा विशेषज्ञों ने इस राष्ट्रीय कांफ्रेस में अपने व्याख्यान अंग्रेजी भाषा में दिये पर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालन अभियंता प्रमोद बेहरे ने हिंदी में व्याख्यान दिया और मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी में अर्थिंग प्रकिया के सभी पहलुओं को अच्छी तरह वर्णित किया ,जिसे न केवल उपस्थित विशेषज्ञों ने अच्छी तरह सुना व समझा बल्कि व्याख्यान के बाद मुक्त कंठ से इसकी सराहना भी की, साथ ही मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा अर्थिंग सिस्टम की समय-समय पर जांच करने की प्रक्रिया पर भी विशेषज्ञों ने संतोष जाहिर किया।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सबस्टेशनों और टावरों में अर्थिंग सिस्टम केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा निर्धारित गाइड लाइनों के तहत क्रियाशील है, जो विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय गाइड लाइनों का समावेश कर भारत के सब-स्टेशनों की ग्राउडिंग और अर्थिंग के दिशा-निर्देश जारी करती है, जिसमें मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी न केवल सभी मापदंडो पर खरा उतरी है बल्कि अनेक चट्टानी व पथरीली जगहों पर सबस्टेशनों और टावर के निर्माण के लिये निर्धारित 0.5 ओम के अर्थ रजिस्टेंस से कम अर्थ रजिस्टेंस रखने में सफलता पायी है।
नियमित की जाती है अर्थिंग सिस्टम मजबूती की जांच
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने पूरे प्रदेश में पिछले दो वर्षो में अपने अर्थिंग सिस्टम को बेहद मजबूत कर लिया है, जिसके कारण उपकरणों की फेल्यूर दर में काफी कमी आयी है। कुछ कुछ जगह तो अर्थ रजिस्टेंस निर्धारित 0.5 ओम से बेहद कम 0.1 ओम तक लाया जा सका है। सब-स्टेशनों में अर्थिंग सिस्टम सुधारने के लिये नवाचार करते हुये 100 फुट से ज्यादा तक बोरिंग कर अर्थिंग प्रदान की गई, जिसके कारण इन स्थानों पर अर्थ रजिस्टेंस निर्धारित सीमा में रखने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल हुई। इन अर्थिंग सिस्टम की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गाइड लाइन के अनुसार अर्थ इंटीग्रिटी टेस्ट के माध्यम से नियमित जांच की जाती है, जिसके सकरात्मक परिणाम आये है। सेमिनार में बताया गया कि नियमित रूप से अर्थिंग सिस्टम की जांच कर करने वाले प्रदेशों में मध्यप्रदेश मुख्य है।