मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अपने कार्मिकों का सरकारी कंपनी का समूह बीमा खत्म करने की तैयारी में है। इसी के अंतर्गत कंपनी प्रबंधन ने सभी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को चर्चा के लिये बुलाया है।
कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन कार्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि समूह बीमा सह बचत योजनाओं में भाजीबीनि द्वारा नवीन प्रस्तावित शर्तें कार्मिकों के लिए लाभकारी नहीं होने के दृष्टिगत समूह बीमा सह बचत योजना (जीएसएलआई) को बन्द करने का निर्णय लिया गया है।
पत्र में कहा गया है कि मध्य क्षेत्र कंपनी प्रबंधन द्वारा विभिन्न बीमा कंपनियों से, मध्य क्षेत्र कंपनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये ग्रुप टर्म इन्श्योरेंस प्लान ग्राह्य करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किये गये थे, जिसके तारतम्य में बीमा कंपनियों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। कर्मचारी संगठनों के अधिकतम दो प्रतिनिधियों को भोपाल में 7 नवंबर को आयोजित बैठक में भाग लेने के लिये बुलाया गया है, जिनसे चर्चा कर प्रस्ताव पर विचार कर निर्णय लिया जा सके।
बैठक में शामिल होने जा रहे मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि वे सरकारी बीमा कंपनी से अनुबंध समाप्त करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजीबीनि का समूह बीमा बंद करने की बजाए, वर्तमान में विद्युत कार्मिकों समूह बीमा योजना के तहत बहुत ही कम सम-एश्योर्ड दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर कम से कम 20 लाख किया जाना चाहिए।