मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अभियंता और तकनीकी कर्मियों ने लगभग दो किलोमीटर नाव से यात्रा कर शहडोल जिले के जयसिंह नगर के बासा गांव के कटका बांध जलाशय में विद्युत टॉवर की तकनीकी खराबी को शीघ्रता से दुरूस्त कर सीधी जिले की बिजली सप्लाई को बाधित होने से बचाया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर इस साहसिक कार्य के लिए ट्रांस्कों के कर्मचारियों की सराहना की है।
गत दिवस रात्रि को अमरकंटक से सीधी आने वाली 220 KV अति उच्चदाब लाइन में व्यवधान आ गया था, यदि इस सर्किट में फॉल्ट आ जाता तो सीधी जिले में सप्लाई बाधित हो सकती थी। इसे देखते हुए रात्रि में ही सीधी में पदस्थ ट्रांसमिशन कंपनी के सहायक अभियंता गोरेलाल साहू और उनकी टीम ने तुंरत फॉल्ट लोकेशन का पता लगाया और कटका बांध के जलाशय में लगे हुए टॉवर के निकट पर पहुँचे। ये जलाशय के बीचों-बीच स्थित थे और 7 से 8 फुट पानी में डूबे हुए थे यहाँ सुधार कार्य के लिए पैदल पहुंच पाना संभव नहीं था।
सीधी जिले की सप्लाई को बाधित न होने देने की गंभीरता को समझते हुए सहायक अभियंता गोरेलाल साहू के पास रात्रि को ही नाव के सहारे टावरों तक पहुँचकर फाल्ट सुधारने के अलावा और कोई विकल्प न था। नजदीकी गाँव मानपुर 35 किलोमीटर दूर था, जहां से नाव का इंतजाम हो सकता था। उन्होंने बासा गाँव के सरपंच विपिन सिंह की मदद से मानपुर में नाव मालिक रतन माझी के पास पहुँचकर संपर्क किया। नाव मालिक ने भी सहज नाव उपलब्ध करा दिया। नाविक रामधनी बैगा के साथ नाव को लोकेशन तक लाया गया।
तेज ठंडी हवाओं के बीच सहायक अभियंता गोरेलाल साहू ने सभी की हिम्मत बढ़ाते हुए लाइन स्टाफ पवन कुमार विश्वकर्मा, रमाशंकर शुक्ल एवं बाह्य सेवाप्रदाता कंपनी के सुपरवाइजर पंकज भट्ट के साथ नाव में सुधार उपकरण और सामग्री लेकर प्रभावित टावरों तक पहुँचने में सफलता पायी।
मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के जांबाज कार्मिकों ने लगभग दो किलोमीटर क्षेत्रफल में लगे हुए प्रभावित टावरों में तकनीकी सुधार और अन्य टावरों का निरीक्षण कर अल्प समय में कठिन परिस्थिति में साहसिक और महत्वपूर्ण सुधार करने का कार्य संभव कर दिखाया।