मध्य प्रदेश में पहले विद्युत मंडल और कंपनीकरण के बाद बिजली कंपनी में 35 वर्ष नौकरी करने के बाद भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के लिए तरसना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत तंत्र को चलायमान रखने में सबसे बड़ी भूमिका तकनीकी कर्मचारियों की होती है, उनकी वजह से ही मध्य प्रदेश रोशन है।
उन्होंने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों ने अपने जीवन के लगभग स्वर्णिम 35 वर्ष विद्युत मंडल और बिजली कंपनी में नौकरी करके दिए, किंतु सेवानिवृत्त होने के बाद लगभग 3 माह पूरे होने को है पेंशन के लिए तरस रहे हैं-भटक रहे हैं। हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार के स्पष्ट आदेश हैं कि कर्मचारी की सेवानिवृत्त की तिथि के 6 माह पूर्व ही संबंधित कार्यालय द्वारा समस्त कागजी कार्यवाही पूर्ण कर, सेवानिवृत्ति के दिन कर्मचारी के समस्त भुगतान जारी कर दिए जाएं और अगले माह से पेंशन शुरू कर दी जाए, किंतु ऐसा नहीं हो पा रहा है।
इस ओर प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 के बाद से लगातार लिपिकीय कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। पहले जिस सेक्शन को 15 लिपिकीय कर्मचारी देखते थे, वहां पर अब केवल तीन लिपिकीय कर्मचारी बचे हुए हैं। काम का अत्याधिक बोझ उनके सामने आ गया है। अधिकारी सिर्फ आदेश करते हैं, यह नहीं देखते हैं कि हजारों फाइलों की समस्याओं का निराकरण करेगा कौन?
संघ के राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, अजय कश्यप, विनोद दास, अमीन अंसारी, लखन सिंह राजपूत, राकेश नामदेव, संतोष पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, पीके मिश्रा, इंद्रपाल सिंह आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की गई है कि जिस तिथि पर कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, उससे एक माह पूर्व ही पेंशन एवं अन्य सभी भुगतान की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए और सेवानिवृत्ति के दिन सभी भुगतान करते हुए अगले माह से पेंशन शुरू कर दी जाए।