गर्मी का मौसम शुरू होते ही ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है, साथ ही इस दौरान ट्रेनों में लगे एयर कंडीशनर के खराब होने के मामले भी बढ़ जाते हैं। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री व संघ प्रवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने महाप्रबंधक पमरे को एसी मैकेनिक रेल कर्मियों को ट्रेनों में बैठने के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पश्चिम मध्य रेल से शुरु होने वाली मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में एसी मैकनिक कर्मचारी शुरु के स्टेशन से ड्यूटी पर तैनात किये जाते हैं, जो कि गाड़ी समाप्त होने वाले स्टेशन तक ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, कुछ गाड़ियों का रनिंग टाइम प्रारम्भ स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक 30 से 32 घंटे है। एसी कोच मैकनिक को बैठने हेतु गाड़ी में कोई भी स्थान निर्धारित नहीं है, जबकि प्राइवेट कान्ट्रेक्टर के कोच अटेंडेंट कर्मचारियों को कोच के बाहर एक बर्थ दी गई है।
उन्होंने बताया कि कोविड के समय कोच अटेंडेंट की अनुपस्थिति में उनकी बर्थो का उपयोग एसी मैकनिक किया करते थे। लिनन सप्लाई होने से उन बर्थो का उपयोग केवल अटेंडेंट ही करते हैं, ऐसी परिस्थिति में एसी मैकनिक कर्मचारी 30-32 घंटे ड्यूटी खड़े-खड़े करता है, जो कि उसके स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है।
वहीं कुछ रेलवे जोन ER, ECR इत्यादि ने गाड़ी की मार्शलिंग में परिवर्तन कर एसी कोच के बाद पावर कार लगाई गई है, जिससे एसी मैकनिक कर्मचारी के बैठने एवं टुल्स आदि रखने की जगह पावर कार में उपलब्ध हो जाती है। एसी कोच एवं पावर कार के बीच में जनरल कोच लगाये गये है, अत्याधिक भीड़ होने के कारण जनरल कोच से निकलकर पावर कार तक जाना संभव नहीं हो पाता है।