मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि निवेश के माध्यम से मध्यप्रदेश के विकास को निर्णायक गति प्रदान की जाएगी। मध्यप्रदेश में निवेश करने वाले उद्योगपतियों की एक पाई भी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। संवाद, सहयोग, सुविधा, स्वीकृति, सेतु, सरलता और समन्वय के 7 सूत्रों से उद्योगों को पूर्ण सहयोग की रणनीति अपनाई जाएगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि इस समिट के माध्यम से उद्योगपतियों और निवेशकों द्वारा 15 लाख 42 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के लागत के उद्योग लगाने के प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 29 लाख लोगों को रोजगार देने की संभावनाओं को साकार किया जा सकेगा। इंटेशन टू इन्वेस्ट के फलस्वरूप क्रियान्वयन से प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ेगा।
सीएम चौहान ने बताया कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 6 लाख 09 हजार 478 करोड़, नगरीय अधोसंरचना में 2 लाख 80 हजार 753 करोड़, खाद्य प्र-संस्करण और एग्री क्षेत्र में 1 लाख 6 हजार 149 करोड़, माइनिंग और उससे जुड़े उद्योगों में 98 हजार 305 करोड़, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 78 हजार 778 करोड़, केमिकल एवं पेट्रोलियम इंडस्ट्री में 76 हजार 769 करोड़, विभिन्न सेवाओं के क्षेत्र में 71 हजार 351 करोड़, ऑटोमोबाईल और इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में 42 हजार 254 करोड़, फार्मास्युटिकल और हेल्थ सेक्टर में 17 हजार 991 करोड़, लॉजिस्टिक एवं वेयर हाऊसिंग क्षेत्र में 17 हजार 916 करोड़, टेक्सटाईल एवं गारमेंट क्षेत्र में 16 हजार 914 करोड़ तथा अन्य क्षेत्रों में 1 लाख 25 हजार 853 करोड़ का निवेश किए जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन सभी से 29 लाख लोगों को रोजगार मिलने की आशा है। सीएम चौहान ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता के लिए प्रदेश के सभी मंत्रीगण, केन्द्रीय मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, बिजनेस लीडर्स और अधिकारी-कर्मचारी धन्यवाद के पात्र हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ। समिट के प्रति सभी में काफी उत्साह था। इंदौर के लोगों ने आतिथ्य परम्परा से अभिभूत कर दिया। इस तरह के कार्यक्रमों की भावी आवश्यकता को देखते हुए इंदौर में 10 हजार लोगों की क्षमता का नया कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा।
समिट का विवरण देते हुए सीएम चौहान ने बताया कि 84 देशों के बिजनेस डेलिगेट शामिल हुए। कुल 10 पार्टनर कंट्री थे। इसके अलावा 35 देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। दो दिन में 2600 से अधिक बैठकें हुई। पाँच हजार से अधिक व्यापारी बंधुओं ने हिस्सा लिया। कुल 36 विदेशी व्यापारिक संगठनों से करारनामे हुए। जी-20 के पार्टनर और अनेक बिजनेस डेलीगेट्स इस समिट से जुड़े। समिट में बीस सेक्टोरल प्रजेंटेशन उल्लेखनीय रहे। सीएम चौहान ने कहा कि इंदौर अद्भुत है, यहाँ से निवेश का नया दौर प्रारंभ हो रहा है। विश्वास का वातावरण है। मध्यप्रदेश देश में निवेश की राजधानी बन रहा है। बीमारू से विकसित हुए मध्यप्रदेश की विकास दर अन्य राज्यों से अलग है। गत 18 वर्ष में हम गड्डों से उबरकर अच्छी सड़कों तक और गदंगी के ढेर से निकलकर स्वच्छता के शिखर तक पहुँचे हैं। प्रदेश की क्षमताओं को पहचान कर उसे अपनी शक्ति बनाया गया है।
सीएम चौहान ने कहा कि उद्योगपतियों को अपनी कठिनाइयाँ दूर करने के लिए राजधानी भोपाल नहीं आना पड़ेगा। शिकायतों के निराकरण के लिए invest.mp.gov.in पोर्टल पर “हाउ केन आय हेल्प यू’’ की पृथक विण्डो प्रारंभ होगी, जो उद्योगपति की समस्या से अवगत करवाएगी। एक टीम द्वारा उद्योगपति से सम्पर्क भी किया जाएगा। इसका फॉलोअप मुख्यमंत्री स्तर पर होगा। उद्योगपतियों को अटकने-भटकने की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों को राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इस अवधि में औद्योगिक इकाई का कोई निरीक्षण भी नहीं होगा। प्लग एंड प्ले की सुविधा, जो अभी तक सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में है, गारमेंट और अन्य उद्योग क्षेत्रों में भी प्रदान की जाएगी। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस और सुशासन के द्वारा समस्याओं को हल किया जाएगा। सीएम चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत प्रगति और प्रतिष्ठा बढ़ाने में सफल हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व के देशों को भारत ही दिग्दर्शन कराएगा। मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में प्रधानमंत्री की आशाएँ और अपेक्षाएँ हैं, जिन्हें गंभीरता से पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश औद्योगिक प्रगति के रनवे पर रफ्तार बढ़ा चुका है, हम अब टेक ऑफ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में मंच पर उपस्थित समस्त अतिथियों के आगमन के लिए उनका आभार माना।
केंद्रीय कृषि और किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देवी अहिल्या की नगरी इंदौर का उज्जवल इतिहास और गौरवशाली विरासत है। आज इंदौर ने जिस तरह पूरी दुनिया से आए मेहमानों का पूरी सेवा उदारता और समर्पण के साथ स्वागत किया है, उसके लिए पूरी दुनिया में इंदौर को याद किया जाएगा। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2003 से पहले मध्यप्रदेश के उद्योगपति दूसरे राज्यों में जाने का सोच रहे थे, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में निवेश के अनुरूप जो वातावरण बना है, उसके चलते आज दुनियाभर के निवेशक गौरव के साथ मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आए हुए हैं। मध्यप्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। देश की जीडीपी में मध्यप्रदेश का बहुत बड़ा योगदान है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में अद्भुत कार्य हुआ है। आप सभी अधिक से अधिक निवेश करें और मध्य प्रदेश के विकास में पूरा योगदान दें। आप सभी के सहयोग से मध्य प्रदेश निश्चित रूप से ऊँचाइयों को छुएगा।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश न केवल अतुल्य भारत का हृदय है, बल्कि भारत के विकास का भी दिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने का जो संकल्प लिया है, उसमें मध्य प्रदेश का प्रदेश को साढ़े पाँच सौ बिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने का संकल्प शामिल है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उद्योग पुरुष हैं। वे प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश के सीईओ भी है। उनके नेतृत्व में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पाँच कारण बताए जिनके चलते निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश करना चाहिए, वे हैं अच्छी अधोसंरचना, कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स, पावर सरप्लस और मार्केट एक्सेस। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व में भारत की आर्थिक विकास दर सर्वाधिक है। भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था से पाँचवें स्थान पर आ गया है तथा वर्ष 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनेगा। भारत में निवेश के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। हमारे पास बेस्ट टेलेंट है, इनोवेशन है और परंपरा के साथ आधुनिकता भी है। प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर चलकर हम विश्व के सिरमौर होंगे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक ने कहा कि मध्य प्रदेश में आज निवेश के लिए अपार संभावनाएँ हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण और सकारात्मक परिस्थितियाँ निर्मित की है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आज दुनिया भर से निवेशक आए हैं और उन्होंने मध्यप्रदेश के प्रति विश्वास व्यक्त किया है। आने वाले समय में मध्य प्रदेश कृषि के साथ ही उद्योग, विज्ञान, तकनीकी आदि विभिन्न क्षेत्रों में सबसे आगे होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश औद्योगिक प्रगति के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में निवेश की बहुत संभावनाएँ हैं। आज इस सम्मेलन में विश्व भर से निवेशक आए हैं, जिन्होंने नए आइडियाज, अनुभव बताए हैं और प्रदेश में निवेश करने की अच्छा व्यक्त की है। सरकार की ओर से उन्हें हर संभव सहायता एवं सहयोग मिलेगा।
कनाडा की वाणिज्य मंत्री सुश्री जेनिफर डोबने ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में व्यापार फ्रेंडली वातावरण बनाया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में कनाडा की कुछ कंपनियाँ कार्य कर रही हैं। भविष्य में मध्यप्रदेश में और अधिक निवेश किया जाएगा। भारत और कनाडा के बीच आयात-निर्यात बढ़ेगा। मॉरीशस की सामाजिक एकीकरण मंत्री सुश्री फैजेला ने कहा कि वे भारतीय मूल की है। 19वीं शताब्दी में उनके दादा-दादी सूरत से मॉरीशस आए थे। भारत और मॉरीशस के गहरे भावनात्मक संबंध है। मॉरीशस में 70% लोग भारतीय मूल के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आगामी समय में दोनों देशों की आर्थिक एवं अन्य क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ेगी।
नॉर्वे के राजदूत होम्स जैकब ने कहा कि इंदौर स्वच्छतम शहर है। इसकी गलियों में घूमने की इच्छा होती है। मध्य प्रदेश तेजी से बढ़ता राज्य है। यहाँ हाई ग्रोथ रेट है। नॉर्वे एक छोटा देश है, जहाँ की दो कंपनियाँ मध्यप्रदेश में कार्य कर रही हैं। नॉर्वे की वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी है। हम मध्य प्रदेश के साथ विशेष रूप से रिन्यूएबल एनर्जी और तकनीकी क्षेत्र में कार्य करेंगे। केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में प्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, अनेक जन-प्रतिनिधि, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि और समिट के डेलीगेट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे।