मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय आम निर्वाचन की तैयारी समय-सीमा में पूरी करें। निर्वाचन से संबंधित जो कार्यवाही शेष है, उसकी सूची बनायें और प्रत्येक कार्य समय पर करें। तैयारी पूरी होते ही आम निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने यह निर्देश नगरीय निकायों एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों के आगामी आम निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिये।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और वैक्सीनेशन की स्थिति के मद्देनजर वर्तमान में आम निर्वाचन करवाया जाना संभव है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पहले से ही आम निर्वाचन बहुत लेट हो चुके हैं। बीपी सिंह ने कहा कि पहले नगरीय निकायों के निर्वाचन करवाये जायेंगे।
बीपी सिंह ने प्रत्येक सेक्शन के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नई अमिट स्याही क्रय करने के आदेश जल्द जारी करें। नगरीय निकायों में बनने वाले स्ट्राँग रूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की व्यवस्था करें। कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन हर स्तर पर किया जाए।
बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराये जाना है। दो चरण में मतदान होगा। प्रथम चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जायेगा। महापौर अथवा अध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इन 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं। कुल 19 हजार 955 मतदान केन्द्र बनाये गए हैं। कुल अभी 60 नगरीय निकायों का कार्यकाल बाकी है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च 2021 को हो चुका है। नगरीय निकायों में मतदान ईवीएम से कराये जायेंगे।
पंचायत आम निर्वाचन 3 चरण में करवाये जायेंगे। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पंच के 3 लाख 77 हजार 551, सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 833, जिला पंचायत सदस्य के 904, उप सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 313 और जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के 52 पदों का निर्वाचन कराया जायेगा। बैठक में सचिव राज्य निर्वाचन आयोग दुर्ग विजय सिंह, उप सचिव अरूण परमार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।