नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के आहवान पर संघ के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर के निर्देश पर समूचे भारतीय रेल में लगातार हो रहे उग्र प्रदर्शन के आगे झुकते हुए केन्द्र सरकार ने अंततः आज बुधवार को दोपहर के बाद रेल कर्मचारियों सहित सभी केंद्रीय कर्मचारियों का बोनस देने की घोषणा कर दी।
केंद्र सरकार ने विगत वर्ष की भांति बोनस देने की घोषणा की। संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि मजदूरो के संघर्ष से ही बोनस की घोषणा करने सरकार विवश हुई, अन्यथा सरकार कोरोना की आड़ में रेल कर्मियों के बोनस को डकारने की साजिश कर रही थी।
प्रवक्ता व कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार, संयुक्त महामंत्री एसके वर्मा, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने कहा कि एनएफआईआर व डब्ल्यूसीआरएमएस के लगातार संघर्ष और मजदूर एकता शक्ति की वजह से ही बोनस की सुखद सौगात मिली है।
इससे पहले पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष रेल मजदूर संघ ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान संघ प्रवक्ता व कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार रेल कर्मियो के अधिकारो पर कैची नही चला सकती।
उन्होंने कहा कि फायदे में चल रही रेलवे को सरकार घाटे में दिखाकर रेलवे को बेचने की साजिश कर रही है जो कि संध को कतई बर्दाश्त नही। मुख्य वक्ता मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने केन्द्र सरकार को ललकारते हुये कहा कि रेल मजदूरो के बलिदान व उनके खून पसीने से बनी रेलवे को समृद्ध बनाने में वर्षे लगे है । देश की जीवन रेखा को हम बर्बाद नही होने देगे चाहे हमें किसी भी हद तक जाना पड़े।
संयुक्त महामंत्री एसके वर्मा ने कहा कि सरकार ने मंहगाई भत्ते की तीन किस्तों को रोककर मजदूरो के हितो पर कुठाराघात किया है। साथ ही उनके नाईट ड्यूटी भत्ते समेत अन्य भत्तो को रोककर रेल मजदूरो को प्रताड़ित करने का काम किया है।