जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जबलपुर जिले के अनेक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में मरम्मत का कार्य हुआ जिसके लिए करोड़ो की राशि स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यय की गई, परन्तु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन के अंतर्गत अनेक हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टरों में मरम्मत के नाम पर घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया एवं गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री उपयोग में लाई गई।
वेलनेस सेंटरों में की दीवारों पर जो टाइल्स लगाई गई, वह गिर रही है। शौचालय में टॉयलेट सीट ही नहीं लगाई गई एवं रनिंग वाटर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे मरीजों के साथ-साथ कार्यरत महिला कर्मचारियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त समन्वय कल्याण समिति के उदित सिंह भदौरिया, अवेन्द्र राजपूत, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पांडे, वीरेन्द्र राजपूत, प्रमोद वर्मा, कुलदीप पटेल, शैलेष गौतम, दालचंद पासी, मुकेश मेहरा, योगेन्द्र मिश्रा, धीरज बुनकर, राम संजीवन दुबे, राकेश राव, गौरव शर्मा, नीलेश जयसवाल, श्वेता यादव, नीलम मिश्रा, रोहित राजकुमार, रामकृष्ण तिवारी, सुरेश दाहिया, मो. तारीक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, सतेन्द्र ठाकुर आदि ने जिला कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत जबलपुर से उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर घटिया निर्माण कार्य व भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है। जिससे इलाजरत मरीजों के साथ वहाँ पदस्थ महिला कर्मियों को गुणवत्तायुक्त मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके।