मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में अपने जीवन का स्वर्णिम समय न्योछावर करने वाले बिजली कार्मिकों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने के बाद उनके आश्रित आज भी अनुकंपा नौकरी पाने के लिए लगातार सरकार और बिजली कंपनी के समक्ष गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ऊर्जा विभाग एवं बिजली कंपनी प्रबंधन को न तो विधवा महिलाओं के आंसू दिख रहे हैं और न ही आश्रितों की बेबसी नजर आ रही है। बिजली कंपनियों के हजारों अनुकंपा आश्रित आज भी अनुकंपा नियुक्ति राह देख रहे हैं, लेकिन उन्हें हर तरफ से निराशा ही मिल रही है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से सभी अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि 1 सितंबर 2000 को तत्कालीन विद्युत मंडल के द्वारा एक परिपत्र जारी किया कि विद्युत मंडल की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगाई जाती है।
अनेक वर्षों तक अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगे होने के बाद तकनीकी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में हजारों अनुकंपा आश्रितों के द्वारा जबलपुर स्थित शक्ति भवन गेट के समक्ष 11 मार्च 2013 से 1760 दिनों तक धरना दिया गया। इसके अलावा वे विधवा महिलाएं, जिनके बिजली कर्मी पति की गंभीर बीमारी या हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, उनके द्वारा 25 मार्च 2015 को शक्ति भवन जबलपुर से भोपाल तक पैदल 22 दिन तक 340 किलोमीटर की यात्रा की गई थी और विधवा महिलाओं ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र सौंप कर मांग की थी कि मृत बिजली कर्मियों की विधवा महिलाओं एवं उनके आश्रित बच्चों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, किंतु आज भी लगभग 3000 परिवार अनुकंपा नियुक्ति पाने को तरस रहे हैं।
कई आंदोलनों के पश्चात ऊर्जा विभाग के द्वारा नई अनुकंपा नीति जारी की गई, जिसने हजारों अनुकंपा आश्रितों के जीवन में अंधेरा भर दिया। नई अनुकंपा नीति में कहा गया कि जिन बिजली कार्मिकों की मृत्यु 2012 के पूर्व गंभीर बीमारी, हार्ट अटैक से हुई है उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जावेगी। संघ हमेशा मध्यप्रदेश शासन एवं ऊर्जा विभाग का ध्यानाकर्षण कराता रहता है कि ऐसा आदेश निकाल कर मौतों का बंटवारा न किया जावे। सभी अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जावे।
संघ के रमेश रजक, एसके मोरया, मोहन दुबे, एसके सिंह, एसके शाक्य, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, उत्तम पटेल, संदीप दीपांकर, अमीन अंसारी, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, राजेश यादव, राकेश नामदेव आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वर्ष 2012 के पूर्व के सभी मृत बिजली कार्मिकों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जावे एवं मौतों का बंटवारा न किया जाए।