जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन की अध्यक्षता में आज माह के पहले शनिवार को किसानों की समस्याओं के समाधानों को लेकर कलेक्टर सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। जिसमें गांव खेत किसान से संबंधित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जबलपुर जिले के किसान प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में बैठक में भाग लेकर किसानों की समस्यायों से अवगत कराया। जिन पर चर्चा कर कलेक्टर ने अधिकारियों को समय सीमा में निराकरण हेतु दिशा निर्देश दिए।
इस अवसर पर जबलपुर मंडी के कार्यों में सुधार एवं किसानों को मंडी प्रांगण में व्यवस्थित, सुगम तथा सुलभ विक्रय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु एक 25 सूत्रीय मांग एवं सुझाव पत्र किसानों के गैर राजनैतिक संगठन भारत कृषक समाज द्वारा सौंपा गया, जिस पर बिंदुवार चर्चा कर कलेक्टर ने आगामी बैठक के पहले प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करने मंडी सचिव को निर्देशित किया। आधुनिक मंडी बनाए जाने हेतु स्थान चयन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
सिहोरा मंडी में व्याप्त भ्रष्टाचार, व्यापारियों द्वारा मुद्दत, कमीशन कटौती, अधिक तौल एवं चोरियों पर लगाम लगाने कोई ठोस कार्यवाही नहीं किए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने स्टिंग आपरेशन कर व्यापारियों पर सख्त कार्यवाही एवं प्रत्येक माह किसानों के साथ बैठक कर समस्यायों के निराकरण के निर्देश दिए।
नहर विभाग की समस्यायों पर चर्चा में मदना मायनर के एस्टीमेट की स्वीकृति भोपाल से प्राप्त नहीं होने पर कलेक्टर द्वारा भोपाल बात किए जाने का आश्वासन दिया गया। सूखा, मंगेला नहर मरम्मत, बेहदन नहर की सर्विस रोड आदि के कार्य शीघ्र पूर्ण करने एवं सुदूर गांव खेत सड़क हेतु मांग के अनुसार प्रस्ताव बनाने निर्देश दिए गए।
बैठक में किसानों ने बताया कि कई जगह बिजली के खंभे झुके हुये हैं व तार झूले हुये हैं अत: उन्हें तत्काल ठीक कराया जाये। बिजली विभाग की समस्याओं पर विद्युत विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए बैठक के दौरान ही अधीक्षण यंत्री नीरज कुचिया से फोन पर बात की व चेतावनी दी कि किसानों की बैठक अति महत्वपूर्ण होती है, इसमें उपस्थिति अनिवार्य है। आगे से इस तरह की उपेक्षा बर्दास्त नहीं की जायेगी।
कलेक्टर ने बताया की अभी तक 11 हजार किसानों के ऋण का ब्याज माफ किया जा चुका है, यह खेद की बात है कि सहकारी समितियों में अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में डिफाल्टर किसानों की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने किसान प्रतिनिधियों से जिले की साख बनी रहे इस हेतु ऋण चुकाने में किसानों को प्रेरित करने सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने बताया की राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला प्रशासन द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
आगामी खरीफ सीजन में खाद किसानों को आसानी से प्राप्त हो सके, इस हेतु अलग से अतिरिक्त काउंटर स्थापित करने, महिलाओं एवं आश्रित बुजुर्ग किसानों के घर के व्यक्ति की अंगूठा निशानी मान्य किए जाने, किसानों के लंबित भुगतान तत्काल किए जाने, यदि ऑनलाइन भुगतान में कोई दिक्कत है तो ऑफलाइन भुगतान किए जाने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिले में स्थित कस्टम हायरिंग सेंटर्स तथा जिनके पास रीपर है, की सूची उपलब्ध कराई जाकर इसके प्रचार प्रसार के निर्देश दिए गए, जिससे जिले के किसान मशीनें किराए से लेकर अपनी खेती में उनका उपयोग कर सकें।
बैठक में भारत कृषक समाज से डॉ बीडी अरजरिया, सुभाष चंद्रा, रामगोपाल पटेल, संजय जैन, गजेंद्र खंपरिया, कमलेश सोनी, किसान सेवा सेना से डॉ आर एम पटेल, देवराज त्रिपाठी, विवेक सोनी, जितेंद्र पटेल, सुरेश कुर्मी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष विवेक पटेल, भारतीय किसान संघ से दामोदर पटेल सुनील पटेल, अरुण गोंटिया आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन उपसंचालक कृषि रवि आम्रवंशी ने किया।