जबलपुर। केन्द्र सरकार के इशारे पर सरकारी संस्थानो को पूँजी पतियों के हवाले करने का सिलसिला रूकने का नाम नही ले रहा है। ट्रेनों व स्टेशनों को निजी हाथों में देने के बाद अब पमरे ने केन्द्रीय रेल चिकित्सालय को बेचने का काम शुरू कर दिया है।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे मज़दूर संघ को केन्द्रीय रेल अस्पताल को बेचने की साजिश का पता चलते ही मंगलवार को पमरे महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर जमकर आकोश व्यक्त किया गया।
संघ के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर के निर्देश पर महामंत्री अशोक शर्मा के नेतृत्व में हुए जंगी प्रदर्शन में मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार के मंसूबे को कामयाब नही होने दिया जाएगा। केन्द्रीय चिकित्सालय रेल मजदूरो की बीमारी के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है , जिसे हम ऐसे ही नहीं बिकने देंगे यदि रेल प्रशासन ने इस दिशा में कदम बढ़ाया तो आमरण अनशन किया जाएगा ।
संयुक्त महामंत्री व संघ प्रवक्ता सतीश कुमार व एसके वर्मा ने रेल प्रशासन को ललकारते हुए कहा कि पमरे के कोटा, भोपाल, जबलपुर के 55 हजार कर्मियों तथा उनके परिवार के साथ ही हजारों रिटायर्ड रेल कर्मियो की बीमारी के इलाज का एक मात्र केन्द्रीय चिकित्सालय को बेच कर रेल साथियों की स्वास्थ्य सुविधाओ पर कैची चलाने की साजिश बर्दाश्त नही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि भले ही इसके लिए सड़को पर क्यो न उतरना पड़े। कोरोना की आड़ में सरकार द्वारा महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक को हटाने का समय आ गया है, अब बगैर देर किये कर्मचारियों के डी.ए. को बहाल कर एरियर्स का भुगतान होना चाहिए। लगातार बढ़ रही इस महंगाई के दौर में बगैर डीए के घर चलाने में लाले पड़ रहे है।
दीना यादव, आरए सिंह संजय चौधरी, एसके सिंह, सविता त्रिपाठी आदि वक्ताओं ने चेताया कि अब समय सभी के संगठित होकर संघर्ष करने का है, नहीं तो आप की रोजी रोटी, स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं में कटौती होते देर नही लगेगी, क्योंकि सरकार के नियत में खोट लग रही है। डीए पर रोक के बाद नाईट ड्यूटी एलाउन्स पर बंदिश फिर पास-पीटीओ की जटिल प्रकिया इसका नमूना है।
विरोध प्रदर्शन में संघ के सहायक महामंत्री एसके सिन्हा, जेपी मीना, जीपी सिंह, दीपक केसरी, अनिल चौबे, मंदीप सिंह, रोशन यादव, रूपेश गुप्ता, तरूण बत्रा, श्याम कला श्रीवास्तव, दुर्गा तिवारी, श्याम अर्क, विजय दुबे, घीरू मिश्रा, एसपी त्रिपाठी, मंतोष कुमार, दीपक सिंह, रवि कुमार, योगिता, विनीता धाकड़, नेहा, प्रांची, संगीता सिंह, धर्मेन्द्र चौधरी, जयराम सिंह, अफजल हाश्मी, ललन रावत, त्रिभुवन सिंह, सुनील चक्रवर्ती सहित सैकड़ो कर्मचारी उपस्थित रहे।
विरोध प्रदर्शन का संचालन अवधेश तिवारी व आभार शेख फरीद ने प्रदर्शित किया। मज़दूर संघ के अनुसार केन्द्रीय रेल अस्पताल को निजी हाथो में देने में आमादा रेल अस्पताल प्रशासन ने मुम्बई से आई प्रतिष्ठित निजी कंपनी की टीम को रेल अस्पताल का गुपचुप तरीके से निरीक्षण कराया। जिसे केन्द्रीय रेल चिकित्सालय के निजीकरण की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। निरीक्षण के दौरान संघ कार्यकर्ताओ ने महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जमकर नारे बाजी की ।